केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्यमंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को संसद में आर्थिक सर्वेक्षण पेश करते हुए बताया कि बीते पांच साल के दौरान देश में महंगाई में कमी आई है. आर्थिक सर्वेक्षण 2018-19 रिपोर्ट के अनुसार, पिछले पांच साल में भारत में महंगाई की स्थिति उच्च व अस्थिर स्तर से बदलकर निम्न व स्थिर स्तर पर आ गई है. आर्थिक समीक्षा में बताया गया है कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक-संयुक्त (सीपीआई-सी)आधारित खुदरा महंगाई दर में पिछले पांच वर्षों के दौरान लगातार घटती हुई प्रवृत्ति रही है. 

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सीपीआई आधारित खुदरा महंगाई दर 2018-19 में 3.4 फीसदी दर्ज की गई जबकि इससे पूर्व वर्ष 2017-18 के दौरान महंगाई दर 3.6 फीसदी थी. वहीं, वित्त वर्ष 2016-17 के दौरान खुदरा महंगाई दर 4.5 फीसदी, वित्त वर्ष 2015-16 के दौरान 4.9 फीसदी और 2014-15 में 5.9 फीसदी रही. इस प्रकार 2014-15 की तुलना में महंगाई दर घटकर वर्ष 2018-19 में 3.4 फीसदी के स्तर पर आ गई. 

सर्वेक्षण के अनुसार, अप्रैल 2019 में खुदरा महंगाई 2.9 फीसदी दर्ज की गई जबकि एक साल पहले अप्रैल 2018 में खुदरा महंगाई दर 3.4 फीसदी थी. वहीं, उपभोक्ता खाद्य मूल्य सूचकांक (सीएफपीआई) आधारित खाद्य महंगाई वित्त वर्ष 2018-19 में घटकर 0.1 फीसदी पर आ गई.

आर्थिक समीक्षा में बताया गया है कि थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) पर आधारित महंगाई दर वर्ष 2016-17 में 1.7 फीसदी थी जबकि वर्ष 2015-16 यह (-) 3.7 फीसदी और वर्ष 2014-15 में 1.2 फीसदी दर्ज की गई थी. वहीं, वित्त वर्ष 2017-18 में डब्ल्यूपीआई आधारित महंगाई दर बढ़कर तीन फीसदी और वित्त वर्ष 2018-19 में 4.3 फीसदी हो गई. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने समष्टिगत आर्थिक स्थिरता बनाए रखने के लिए 2021 तक सालाना महंगाई दर का लक्ष्य चार फीसदी रखा है.