वित्त वर्ष 2023 में चालू खाते का घाटा (कैड) चालू वित्त वर्ष 2023-24 की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 1.2 प्रतिशत यानी 11 अरब डॉलर तक जा सकता है जबकि इससे पहले की तिमाही में यह एक प्रतिशत था. एक रिपोर्ट में यह अनुमान जताया गया है. पिछले वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में चालू खाते का घाटा जीडीपी का दो प्रतिशत था. यानी कि पिछले साल की तीसरी तिमाही से तुलना करेंगे तो इस वित्त वर्ष में तीसरी तिमाही में ये आंकड़ा कम रहने वाला है. किसी देश को वस्तुओं और सेवाओं के निर्यात से होने वाली आय से उसका आयात व्यय अधिक होने पर चालू खाते का घाटा होता है. 

निर्यात आंकड़ा बेहतर होने की उम्मीद

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इंडिया रेटिंग्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में कैड प्रतिशत में कमी आ सकती है क्योंकि वैश्विक आर्थिक गतिविधियों में तेजी के कुछ शुरुआती संकेत दिख रहे हैं जिससे निर्यात आंकड़ा बेहतर होने की उम्मीद है. 

उत्पाद आयात 180 अरब डॉलर होने की उम्मीद

रेटिंग एजेंसी को उम्मीद है कि चौथी तिमाही में उत्पाद निर्यात सालाना आधार पर दो प्रतिशत बढ़कर लगभग 117 अरब डॉलर हो जाएगा, जो सात तिमाहियों का उच्चस्तर होगा. इसी तरह चौथी तिमाही में उत्पाद आयात लगभग 180 अरब डॉलर के छह-तिमाही के उच्चतम स्तर को छूने की उम्मीद है, जो सालाना आधार पर आठ प्रतिशत अधिक है. 

व्यापार घाटा भी 64 अरब डॉलर रहने की उम्मीद

इस तिमाही में व्यापार घाटा 64 अरब डॉलर रहने का अनुमान है. दूसरी ओर, वैश्विक प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद सेवाओं की मांग अच्छी बनी हुई है और नवीनतम उच्च आवृत्ति संकेतकों के साथ प्रवृत्ति मजबूत बनी हुई है. 

बीती तिमाही में उत्पाद निर्यात सालाना आधार पर 1.1 प्रतिशत बढ़ा और अनुकूल आधार प्रभाव तथा अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात और नीदरलैंड से मांग बढ़ने से एक साल के बाद माल निर्यात बढ़ने में मदद मिली. हालांकि, उत्पाद निर्यात दूसरी तिमाही के 107.4 अरब डॉलर से घटकर 105.7 अरब डॉलर रह गया.