भारत के लिए आई अच्छी खबर, क्रूड की गिरती कीमतों से ऐसे मिलेगा बड़ा फायदा
Crude Oil: बजट के बाद क्रूड ऑयल का सस्ता होना एक बेहतरीन खबर है. ऐसे समय में अगर हमारा इम्पोर्ट बिल कम हो जाता है तो यह हमारे लिए बेहद अच्छी बात है.
इंटनरनल मार्केट में कच्चे तेल (crude oil) की कीमत में गिरावट आई है. फिलहाल क्रूड की कीमत 54 डॉलर प्रति बैरल के आस-पास है. यह स्तर एक साल के निचले स्तर पर है. इसका फायदा भारत (India) को मिलने वाला है. ज़ी बिज़नेस के मैनेजिंग एडिटर अनिल सिंघवी (Anil Singhvi) का कहना है कि क्रूड में गिरावट उस वक्त आई जब हमें इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है. जब ग्रोथ में थोड़ी कमजोरी के संकेत आते दिख रहे हैं और बजट (Budget) से लोगों को बहुत उम्मीद नहीं है कि हम फिर से ग्रोथ को ट्रैक पर ला सकें. ऐसे समय में अगर हमारा इम्पोर्ट बिल कम हो जाता है तो यह हमारे लिए बेहद अच्छी बात है. बजट के बाद क्रूड ऑयल का सस्ता होना एक बेहतरीन खबर है.
क्रूड ऑयल के सस्ते होने के पीछे दुनिया में आर्थिक सुस्ती और चीन में कोरोना वायरस का कहर भी है. इससे वहां तेल उत्पादन कम हो गया है. इस वजह से वहां डिमांड कम हो रही है. सिंघवी का कहना है कि क्रूड ऑयल के 60-62 डॉलर के ऊपर जाने के आसार अभी कम हैं.
बीते दिनों अमेरिका और ईरान के बीच तनाव से क्रूड ऑयल के जो 70 डॉलर के लेवल देखने को मिले थे, अब वह 2020 में देखने को नहीं मिलेंगे. भारत के लिए इस साल कमजोर कच्चे तेल के साथ इकोनॉमी चलानी अच्छी बात होगी.
सिंघवी का कहना है कि क्रूड के निचले स्तर पर रहने से भारत की इकोनॉमी को एक बू्स्ट मिल सकता है. देश का इम्पोर्ट बिल कम हो सकता है. उनका कहना है कि अगर यह ट्रेंड बना रहता है तो सरकार के जो पैसे बचेंगे, उसे ग्रोथ में लगाया जाना चाहिए.
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सरकार अगर इस बात को सार्वजनिक तौर पर कहती है तो बाजार को एक सपोर्ट मिलेगा. भारत अपनी तेल जरूरतों का अधिकांश हिस्सा आयात करता है. ऐसे में क्रूड ऑयल का सस्ता होना भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए राहत लेकर आएगा.