भारतीय कंपनियों का स्वयं के उपभोग के लिए किया जाने वाला सूचना प्रौद्योगिकी व्यय 2019 में 10 प्रतिशत बढ़कर 15 अरब डॉलर पर पहुंच जाएगा. परामर्श कंपनी गार्टनर की सोमवार को जारी एक रिपोर्ट में यह अनुमान जताया गया है. गार्टनर ने कहा कि सबसे अधिक वृद्धि बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग (बीपीओ) क्षेत्र में होगी. इस क्षेत्र का सूचना प्रौद्योगिकी पर व्यय 14 प्रतिशत बढ़कर 1.9 अरब डॉलर पर पहुंचने की उम्मीद है.

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गार्टनर के अध्यक्ष (शोध) अरुप रॉय ने कहा, ‘‘सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की ऊंची वृद्धि दर की वजह से स्थानीय कंपनियां ढांचे, एप्लिकेशन और डिजिटल पहल में निवेश बढ़ा रही हैं.’’ उन्होंने कहा कि गैर-परंपरागत क्षेत्रों मसलन लॉजिस्टिक्स, परिवहन और विनिर्माण में तेज वृद्धि देखने को मिल रही है क्योंकि उनका कारोबारी मॉडल आईटी में निवेश पर केंद्रित है. 

(रॉयटर्स)

बीपीओ मोर्चे पर रिपोर्ट में कहा गया है कि क्राउडसोर्सिंग, घर से काम (वर्क फ्रॉम होम) या टेलीवर्किंग तथा डिजिटल अर्थव्यवस्था का 2021 तक ग्राहक प्रबंधन बीपीओ कार्यबल में 40 प्रतिशत का हिस्सा होगा, जो 2017 में सात प्रतिशत था. वर्ष 2021 तक इसमें अनुमानत: नौ लाख लोग होंगे.