Consumer perspective: मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज (Motilal Oswal Financial Services) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कंज्यूमर  (उपभोक्ता) अपनी इनकम ग्रोथ की संभावनाओं से चिंतित हैं, जबकि कारोबार में अपने लाभ मार्जिन के बारे में बहुत आश्वस्त हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि जहां उपभोक्ताओं का खर्च करने का नजरिया कमजोर है, वहीं कारोबारी मजबूत ऑर्डर बुक बनाए रखने को लेकर काफी आश्वस्त नजर आ रहे हैं. हालांकि उपभोक्ता नौकरी के दृष्टिकोण (Consumer perspective) को लेकर बहुत चिंतित हैं, कंपनियां या नियोक्त ज्यादा आशावादी हैं. IANS की खबर के मुताबिक, अतीत में कभी भी व्यवसायों और उपभोक्ता क्षेत्रों के वर्तमान मूल्यांकन के बीच इतना व्यापक अंतर नहीं रहा है.

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सीसीएस की वर्तमान स्थिति सूचकांक

खबर  के मुताबिक, सीसीएस की वर्तमान स्थिति सूचकांक 2020 की दूसरी छमाही और 2021 की पहली छमाही में कोविड से पहले की अवधि (यानी, 2019 की पहली छमाही) में 100 से लगभग आधा हो गया है. यह तब से ठीक हो गया है. हालांकि, 2023 की तिमाही वित्त वर्ष में सिर्फ 76.6 पर बहुत कम रहा. इसके उलट, व्यवसायों का वर्तमान मूल्यांकन भी 2021 की पहली तिमाही में 56.5 से पूर्व-कोविड अवधि में 108 से गिर गया. हालांकि, यह 2021 की दूसरी तिमाही में नाटकीय रूप से 100.6 पर पहुंच गया और पिछली चार तिमाहियों के दौरान 110 से ऊपर रहा है.

भारतीय व्यवसाय पिछले दो दशकों में सबसे ज्यादा पॉजिटिव 

जहां तक उम्मीदों का सवाल है, हालांकि गिरावट इतनी बड़ी नहीं थी, उपभोक्ता पूर्व-कोविड अवधि की तुलना में काफी कम आशावादी बने हुए हैं. इसके विपरीत, भारतीय व्यवसाय पिछले दो दशकों में सबसे ज्यादा पॉजिटिव हैं. रिपोर्ट में कहा गया कि उपभोक्ताओं (Consumer perspective) की कैटेगरी सतर्क रह सकती है, क्योंकि उनकी वित्तीय स्थिति काफी खराब हो गई है. अगर ऐसा है, तो एक मजबूत ऑर्डर बुक की उम्मीद वास्तव में वास्तविक अर्थव्यवस्था में सामान्य व्यापक-आधारित सुधार के बजाय बाजार हिस्सेदारी में बदलाव को दर्शा सकती है.

भारतीय रिजर्व बैंक करता है सर्वेक्षण

भारतीय रिजर्व बैंक ऐसी बताई उम्मीदों को पूरा करने के लिए उपभोक्ता विश्वास सर्वेक्षण (सीसीएस) और औद्योगिक आउटलुक सर्वेक्षण (आईओएस) आयोजित करता है. आईओएस विनिर्माण क्षेत्र में कंपनियों की व्यावसायिक स्थिति का आकलन (Consumer perspective) प्रदान करता है. सीसीएस सामान्य आर्थिक स्थितियों और स्वयं की वित्तीय स्थिति के बारे में उनकी धारणाओं के आधार पर उत्तरदाताओं की उपभोक्ता (Consumer) भावनाओं का आकलन प्रस्तुत करता है.