केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को कोल गैसीफिकेशन को मंजूरी दे दी है. कैबिनेट कमिटी ऑन इकोनॉमिक अफेयर यानी CCEA की 24 जनवरी को सुबह मीटिंग में यह फैसला लिया है. साथ ही करीब 6000 करोड़ रुपए के विजिविलिटी गैप फंडिंग (VGF) को भी कैबिनेट ने हरी झंडी दिखाई है. सूत्रों के हवाले से आई खबर के मुताबिक VGF का 50% प्राइवेट कंपनियों को दिया जाएगा. 

कैबिनेट से कोल गैसीफिकेशन को मंजूरी

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CCEA ने मीटिंग में कोल गैसीफिकेशन को मंजूरी मिली. यह मामला काफी लंबे समय से अटका हुआ था. साथ ही कोल गैसीफिकेशन के लिए इक्विटी निवेश पर छूट भी मंजूर हुई है. ज़ी बिजनेस को मिली जानकारी के मुताबिक करीब 6000 करोड़ रुपए के VGF को भी कैबिनेट से अप्रूवल मिला है. इसमें VGF का 50% प्राइवेट कंपनियों को दिया जाएगा. यानी प्राइवेट कंपनियों को करीब 3000 करोड़ रुपए कोल गैसीफिकेशन के लिए जाएंगे. बाकी VGF सरकारी कंपनियों को मिलेंगे. 

NLC India ने मंगवाई बिड

ज़ी बिजनेस को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कोल गैसीफिकेशन को जल्द शुरू किया जाएगा. नैवेली लिग्नाइट ने इसके लिए बिड भी मंगाई थी. L&T को पार्टनर के तौर पर चुना भी गया है. क्योंकि  VGF का इंतजार हो रहा था. ऐसे में कैबिनेट से मिली मंजूरी के बाद अगले 2-3 महीने के भीतर कोल गैसीफिकेशन पर काम शुरू हो जाएगा. 

GST काउसिंल के फैसले पर भी रहेगी नजर

बता दें कि कोल गैसीफिकेशन बेहद किस्म की तकनीकि है. इस पर चुनिंदा देश ही काम कर रहे. कोल गैसीफिकेशन को लेकर एक और डिमांड GIST का है. ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि अगले महीने होने जा रही GST काउंसिल की मीटिंग में इस पर फैसला हो सकता है. फिलहाल कोल गैसीफिकेशन को कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है.