उद्योग संस्था सीआईआई (CII) ने मोदी सरकार ने कहा है कि आगामी बजट (Budget) में आयकर (Income Tax) की छूट की सीमा को बढ़ाकर 5 लाख रुपये किया जाए और साथ ही सेक्शन 80C के तहत बचत पर मिलने वाली छूट की सीमा को भी 2.5 लाख रुपये किया जाए, ताकि देश में बचत को बढ़ावा मिले. मोदी सरकार अपने वर्तमान कार्यकाल का आखिरी बजट एक फरवरी को पेश करेगी.

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बजट से पहले वित्त मंत्री को दी अपनी सिफारिशों में सीआईआई ने कहा है कि इनकम टैक्स (Income Tax) की सबसे ऊंची दर को 30 प्रतिशत से घटाकर 25 प्रतिशत कर देना चाहिए और मेडिकल खर्च और ट्रांसपोर्ट अलाउंस की छूट देनी चाहिेए.

इस समय 2.5 लाख तक आय व्यक्तिगत इनकम टैक्स (personal income tax) से पूरी तरह मुक्त है. इसके बाद 2.5 लाख से पांच लाख तक आय वालों को 5 प्रतिशत टैक्स देना पड़ता है. 5-10 लाख तक आय वालों से सरकार 20 प्रतिशत इनकम टैक्स लेती है, जबकि 10 लाख से अधिक आय पर 30 प्रतिशत की दर से टैक्स देना पड़ता है.

उद्योग संस्था ने सुझाव दिया है कि 5 लाख से कम आय वालों को पूरी तरह आयकर से मुक्त कर देना चाहिए, जबकि 5-10 लाख आय पर 10 प्रतिशत की दर से टैक्स लेना चाहिए. जिन लोगों की आमदनी 10-20 लाख रुपये के बीच है, उनसे 20 प्रतिशत की दर से टैक्स लिया जाए और 20 से अधिक की आमदनी पर 25 प्रतिशत टैक्स लिया जाना चाहिए.

अप्रैल-मई में आम चुनावों को देखते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली एक फरवरी को अंतरिम बजट पेश करेंगे और चुनाव के बाद सत्ता में आने वाली नई सरकार साल के बाकी हिस्से के लिए बजट पेश करेगी.