Electoral Bonds: केंद्र सरकार ने 29 सितंबर 2023 चुनावी बॉन्ड (Electoral Bonds) की 28वीं किस्त जारी करने को मंजूरी दे दी है. इनकी बिक्री 4 अक्टूबर 2023 से शुरू होगी. यह फैसला राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम के विधानसभा चुनावों से पहले आया है. राजनीतिक चंदे में पारदर्शिता लाने के लिए राजनीतिक दलों को दिए जाने वाले नकद चंदे के विकल्प के रूप में चुनावी बॉन्ड को पेश किया गया. 

4 से 13 अक्टूबर तक होगी बिक्री

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) ने एक बयान में कहा कि बिक्री के 28वें चरण में 4 से 13 अक्टूबर तक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) को 29 अधिकृत शाखाओं के जरिए चुनावी बॉन्ड जारी करने और भुनाने के लिए अधिकृत किया गया है.  अधिकृत एसबीआई शाखाओं में बेंगलुरु, लखनऊ, शिमला, देहरादून, कोलकाता, गुवाहाटी, चेन्नई, पटना, नई दिल्ली, चंडीगढ़, श्रीनगर, गांधीनगर, भोपाल, रायपुर और मुंबई शामिल हैं. एसबीआई चुनावी बॉन्ड जारी करने वाला इकलौता अधिकृत बैंक है.

ये भी पढ़ें- नीला मशरूम उगाकर कमाएं डबल मुनाफा, बाजार में है बंपर डिमांड

कौन खरीद सकता है Electoral Bonds?

राजनीतिक दलों को चंदा देने के लिए नकदी के विकल्प के तौर पर चुनावी बॉन्ड (Electoral Bonds) जारी करने की व्यवस्था लागू की गई. कोई भी डोनर जिनका KYC- COMPLIANT अकाउंट हो इस तरह के बॉन्ड को खरीद सकते हैं. और बाद में इन्हें किसी भी राजनीतिक पार्टी को डोनेट किया जा सकता है.  इसके बाद रिसीवर इसे कैश में कन्वर्ट करवा सकता है. इसे कैश कराने के लिए पार्टी के वैरीफाइड अकाउंट का यूज किया जाता है. चुनावी बॉन्ड की पहली किस्त की बिक्री 1-10 मार्च, 2018 में की गई थी.

कौन ले सकता है Electoral Bonds के जरिए चंदा

एक Electoral Bonds की वैधता जारी किए जाने की तारीख से 15 दिनों तक होगी. वैधता अवधि बीतने के बाद अधिकृत शाखाओं में बॉन्ड जमा किए जाने पर राजनीतिक दलों को कोई भी भुगतान नहीं मिल पाएगा. पिछले लोकसभा चुनाव या राज्य के विधानसभा चुनाव में न्यूनतम 1% मत पाने वाले पंजीकृत दल चुनावी बॉन्ड के जरिये चंदा लेने के लिए पात्र हैं.

ये भी पढ़ें- आपके पास Ashok Leyland का शेयर, कंपनी को मिला 1282 बसों का सरकारी ठेका, 6 महीने में दिया 30% तक रिटर्न