Cabinet Meeting Today outcome: कोरोना संकट के दौरान बदहाल हो चुके कपड़ा सेक्टर (Textile Sector) को मोदी सरकार ने बड़ी राहत दी है. कैबिनेट ने टेक्सटाइल सेक्टर के लिए PLI स्कीम (Cabinet approves PLI scheme for textile) को मंजूरी दे दी है. यह स्कीम मानव निर्मित फाइबर सेगमेंट और टेक्निकल टेक्सटाइल के लिए होगी. मैनमेड फाइबर अपेरल के लिए 7,000 करोड़ रुपए आवंटित किया जा सकता है और करीब 4,000 करोड़ रुपए टेक्निकल टेक्सटाइल के लिए आवंटित किया जा सकता है.

2 बजे कैबिनेट की प्रेस कॉन्फ्रेंस

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कैबिनेट की बैठक खत्म हो गई है. अब 2 बजे कैबिनेट की प्रेस कॉन्फ्रेंस होगी, जिसमें कैबिनेट के फैसलों पर जानकारी दी जाएगी. इस कॉन्फ्रेंस में पीयूष गोयल और अनुराग ठाकुर शामिल होंगे. हालांकि, उम्मीद थी कि कैबिनेट की बैठक में टेलीकॉम सेक्टर के लिए भी बड़ा ऐलान हो सकता है लेकिन ऐसा नहीं हुआ.

उत्पादन बढ़ाने पर मिलेगा इंसेंटिव

टेक्सटाइल कंपनियां साल-दर-साल अपना उत्पादन में जितना बढ़ोतरी करेंगी, उस बढ़ोतरी के आधार पर सरकार इनको इंसेंटिव देगी. भारत के कपड़ा उद्योग की बात करें तो वर्तमान में कॉटन का योगदान 80 फीसदी और MMF का योगदान महज 20 फीसदी है. दुनिया के अन्य देश इस मामले में हमसे काफी आगे हैं. ऐसे में इस सेगमेंट और सेक्टर को प्रमोट करने की जरूरत है. पीएलआई स्कीम एक मजबूत कदम होगा.

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13 सेक्टर के लिए हो चुका है PLI स्कीम का ऐलान

भारत को मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने के मकसद से अब तक 13 सेक्टर के लिए PLI स्कीम की ऐलान हो चुका है. कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद अब कपड़ा मंत्रालय इस स्कीम को लेकर डिटेल्ड गाइडलाइन जारी करेगा. इस स्कीम को लागू करने का मकसद है कि भारतीय कपड़ा उद्योग में मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा मिले, जिससे निर्यात में भी तेजी आएगी. इस स्कीम की मदद से कपड़ा उद्योग के लिए मजबूत इकोसिस्टम तैयार करना है, जहां वे ग्लोबल मार्केट में भी मुकाबला किया जा सके. इसके अलावा यह सेक्टर बड़े पैमाने पर रोजगार भी पैदा करता है, जिसकी अभी सबसे ज्यादा जरूरत है.

क्या है PLI का मकसद?

PLI स्कीम की मदद से ग्लोबल इन्वेस्टर्स को आकर्षित किया जाएगा. इससे रोजगार के अवसर पैदा होंगे. साथ ही निर्यात में भी तेजी आएगी. भारत के कपड़ा निर्यात में मैन मेड फाइबर यानी MMF का योगदान महज 20 फीसदी है.