Budget 2023: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को संसद में बजट (BUDGET 2023) पेश करेंगी. इस बजट पर आम आदमी से लेकर कारोबारी और नौकरीपेशा, समाज के सभी वर्गों की निगाह लगी हुई हैं. बजट में सरकार कुछ बड़े ऐलान कर सकती है. यहां इनकम टैक्स (Income Tax) में राहत मिल सकती है तो अगले साल के लिए कुछ नए नियमों की बात हो सकती है.

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जब आप बजट का भाषण सुनते हैं तो वित्त मंत्री (Finance minister) अलग-अलग साल के बारे में बताते हैं. फाइनेंशियल ईयर (Financial Year), असेसमेंट ईयर (Assessment year), प्रीवियस ईयर (Previous year) जैसे ईयर का बार-बार जिक्र होता है. बजट को जानने से पहले इन वर्षों का मतलब समझना जरूरी है. 

क्या है फाइनेंशियल ईयर?

इन तमाम वर्षों में सबसे अहम है फाइनेंशियल ईयर (Financial Year). क्योंकि बजट फाइनेंशियल ईयर के लिए ही बनता है. इस बजट में फाइनेंशियल ईयर का मतलब 1 अप्रैल 2023 से 31 मार्च, 2024 के लिए है. इस साल पूरा बजट इन 12 महीनों के लिए बनेगा.

क्या होता है असेसमेंट ईयर?

फाइनेंशियल ईयर के बाद नाम आता है असेसमेंट ईयर का. असेसमेंट ईयर (Assessment Year) वह साल होता है जहां फाइनेंशियल ईयर की कमाई के ऊपर जब आप टैक्स भरते हैं और उसके लिए रिटर्न भरते हैं तो उस साल का असेस किया जा रहा है. यहां 1 अप्रैल 2023 से 31 मार्च 2024 तक का असेसमेंट ईयर होगा.क्या होता है प्रीवियस ईयर?

कई बार वित्त मंत्री पुराने आकंड़ों का उल्लेख करते हैं. बताते हैं कि पिछले साल क्या हुआ था. वहां उनका मतलब प्रीवियस ईयर से होता है. यहां प्रीवियस ईयर 1 अप्रैल 2022 से 31 मार्च 2023 तक है.

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