Budget 2022 Expectation: बजट पेश होने में महज कुछ दिन रह गए हैं. आम आदमी से लेकर इंडस्ट्रीज तक को वित्त मंत्री ने काफी उम्मीदें हैं. हालांकि रेटिंग एजेंसी इंडिया रेटिंग्स की रिपोर्ट में सरकार को बजट (Budget 2022) में कुछ खास प्रावधान करने की जरूरत भी बताई है. पीटीआई की खबर के मुताबिक, इंडिया रेटिंग ने कहा है कि आगामी बजट में कोविड-19 महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था को मदद करने और खपत की डिमांड को बढ़ावा देने के लिए इनकम टैक्स में स्पेशल पेशकश और फ्यूल पर टैक्स में कटौती करने की जरूरत है.

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मांग बढ़ाने पर ध्यान देना जरूरी

खबर के मुताबिक, इंडिया रेटिंग्स (India Ratings) ने बजट से पहले जारी अपनी रिपोर्ट में यह उम्मीद जताई कि नया बजट पिछले बजट में तय राजकोषीय योजना का समावेश करेगा और उसे मजबूती देगा. इसमें नई चीजों को अपनाने के बजाए चालू वित्त वर्ष के राजस्व और पूंजीगत खर्च के तौर-तरीकों को अपनाया जाएगा ताकि मौजूदा प्रयासों को मजबूती दी जा सके. इस रिपोर्ट में बजट से उम्मीद जताई गई है कि वैश्विक महामारी कोविड से ज्यादा प्रभावित हुए क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पैदा करके मांग बढ़ाने पर ध्यान दिया जाएगा.

अर्थव्यवस्था के लिए वित्तीय समर्थन जरूरी 

रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से उम्मीद की जाती है कि वह राजकोषीय समावेशन में देरी करेंगी. इसे धीरे-धीरे और फेज वाइज प्रक्रिया बनाएंगी और यह सुनिश्चित करेंगी कि जब तक रिवाइवल गति न पकड़े, तब तक अर्थव्यवस्था के लिए जरूरी वित्तीय समर्थन उपलब्ध हो. महामारी के चलते आम लोगों की खरीद क्षमता पर बुरा असर पड़ने का जिक्र करते हुए रिपोर्ट में उन्हें टैक्स राहत देने की मांग (Budget 2022) करते हुए कहा गया कि इनकम टैक्स में राहत देकर और तेल उत्पादों पर टैक्स में कटौती कर ऐसा किया जा सकता है.

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राजस्व खर्च अनुमान से ज्यादा रहेगा

चालू वित्त वर्ष में अनुदान की दो अनुपूरक मांगों के बाद राजस्व व्यय बजट राशि से तीन लाख करोड़ रुपये ज्यादा रहने का अनुमान है, लेकिन राजस्व व्यय के गैर-ब्याज और गैर-सब्सिडी फैक्टर, जो अर्थव्यवस्था में डायरेक्ट डिमांड को प्रभावित करते हैं, उनके बजट (Budget 2022) से 13,100 करोड़ रुपये कम होने की संभावना है. रेटिंग एजेंसी के मुताबिक आगामी वित्त वर्ष में राजस्व खर्च चालू वित्त वर्ष के संशोधित अनुमान से ज्यादा रहेगा. चालू वित्त वर्ष में सरकार का पूंजीगत व्यय सकल घरेलू उत्पाद का 2.5 प्रतिशत हो गया जो बीते वित्त वर्ष में 2.2 प्रतिशत और 2019-2020 में 1.6 प्रतिशत था.