Budget 2022: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में केंद्रीय बजट (Union Budget 2022) पेश कर रही हैं. इस दौरान वित्त मंत्री (Finance Minister) ने फाइनांसिंग ऑफ इनवेस्टमेंट से जुड़े कई बड़े बदलाव किए हैं. इस बजट में कैपिटल एक्सपेंडिचर (Capital Expenditure) आउटले 7.5 लाख करोड़ तक बढ़ा दिया गया है. इससे राज्यों को ग्रांट्स और एड्स मिलेंगे. साथ ही कैपिटल इनवेस्टमेंट से रोजगार के मौके बढ़ते हैं. 

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चीफ एनालिटिक ऑफिसर सुमन चौधरी का कहना है कि, 'सरकार का सबसे बड़ा फोकस फाइनेंशियल ईयर 23 में पब्लिक कैपिटल एक्सपैंडिचर ही था. इसे 35 फीसदी तक बढ़ा दिया गया. यानी की पहले ये 5.5 लाख करोड़ था, जो कि बढ़कर 7.5 लाख करोड़ हो गया है. ये वित्त वर्ष 2020 में 3.4 ट्रिलियन के पूंजीगत व्यय से लगभग दोगुना है. इससे कंस्ट्रक्शन सेक्टर और इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में ग्रोथ देखने को मिलेगी.'

बीते साल वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पूंजीगत खर्चो में (Capital Expenditure) में 4.39 ट्रिलियन के अनुमानों की तुलना में 2022 में 26 फीसदी से बढ़ाकर 5.54 ट्रिलियन कर दिया था. वित्त वर्ष 2022 में पूंजीगत व्यय (capex) में 35 फीसदी की वृद्धि से यह आंकड़ा 7.5 लाख करोड़ से अधिक हो जाएगा, जो वित्त वर्ष 2020 में 3.4 ट्रिलियन के पूंजीगत व्यय से लगभग दोगुना है. वित्त वर्ष 2019 में बजट से कुल पूंजीगत व्यय 3.16 ट्रिलियन रुपये था.

क्या है कैपिटल एक्सपेंडिचर (Capital Expenditure)

जब भी आप कोई व्हीकल खरीदते हैं, तो ये कैपिटल एक्सपेंडिचर होता है, जिसका फायदा आपको लॉन्ग टर्म के लिए तो होता ही है, लेकिन उसमें भरना वाला पेट्रोल रेवेन्यू एक्सपेंडीचर है. ये कार में कोई वैल्यू नहीं जोड़ती. ठीक ऐसे ही सरकार भी जमीन पर्चेज करती है और वहां बिल्डिंग बनाती है, मशीनें लगती है. इस तरह एसेट बनाने पर खर्च करती है. इसका इस्तेमाल आम जनता करती है.

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