Budget 2022: बजट से लोगों को काफी उम्मीदे हैं. इकोनॉमी को ग्रोथ बूस्टर (growth booster) देने के अलावा बजट में टैक्सपेयर्स (Taxpayers) को भी बड़ी राहत मिलने की संभावना है. कई साल से टैक्सपेयर्स के लिए कोई ऐसा ऐलान नहीं हुआ है, जिससे उन्हें सीधा फायदा मिला हो. ऐसे में उन्हें टैक्स छूट का तोहफा देकर सरकार खुश कर सकती है. इंडियन बैंक एसोसिएशन (IBA) ने डिमांड रखी है कि 3 साल के फिस्क्ड डिपॉजिट (Fixed Deposit) पर टैक्स छूट (Tax Exemption limit) के दायरे में लाना चाहिए. अगर सरकार की तरफ से यह छूट दी जाती है तो निश्चित तौर पर बड़ी राहत होगी. आइये जानते हैं टैक्सपेयर्स को खुश करने के लिए सरकार और कौन से कदम उठा सकती है.

3 साल के FD को टैक्स फ्री करने की डिमांड

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इंडियन बैंक एसोसिएशन (IBA) ने वित्त मंत्री से डिमांड की है कि टैक्स फ्री Fixed Deposit के लॉक-इन पीरियड को कम करना चाहिए. मौजूदा व्यवस्था में 5 साल के FD पर टैक्स छूट मिलती है, लेकिन, इसे घटाकर 3 साल करने की डिमांड रखी गई है. एसोसिएशन का कहना है कि 3 साल के FD को टैक्स छूट के दायरे में लाने से टैक्सपेयर्स (Taxpayers) को दूसरे प्रोडक्ट्स के साथ-साथ बढ़िया ऑप्शन मिलेगा. ब्याद दरें कम होने की वजह से लोग FD की जगह PPF या सुकन्या जैसे दूसरे प्रोडक्ट में ज्यादा निवेश कर रहे हैं. क्योंकि, वहां ब्याज बेहतर है. निवेशकों के लिए म्यूचुअल फंड भी बेहतर ऑप्शन दिखाई देता है. टैक्स छूट के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट पर 5 साल का लॉक इन पीरियड इसके आकर्षण को कम करता है. इसलिए टैक्स सेवर में 3 साल के FD को शामिल करना चाहिए.

80C का बढ़ सकता है दायरा

इनकम टैक्स छूट के लिए सेक्शन 80C के तहत किए गए 1.5 लाख रुपए तक के निवेश पर टैक्स छूट मिलती है. इसमें PPF, सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Yojana), लाइफ इंश्योरेंस (Life Insurance) जैसे कई प्रोडक्ट्स आते हैं. साल 2014 में 80C का दायरा 1 लाख रुपए से बढ़ाकर 1.5 लाख रुपए किया गया था. खासकर नौकरीपेशा वर्ग के लिए सेक्शन 80C टैक्स बचाने का सबसे बढ़िया ऑप्शन होता है. इस सेक्शन के तहत छूट सीमा बढ़ने से ज्यादा लोग इसमें निवेश करेंगे. पिछले 8 साल में इसकी लिमिट में कोई बदलाव नहीं किया गया है. इस बार बजट से उम्मीद है कि इसमें कुछ राहत मिले.

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टैक्स छूट की बेसिक लिमिट बढ़ने के चांस

टैक्स एक्सपर्ट्स सुनील गर्ग के मुताबिक, टैक्स छूट की बेसिक लिमिट (Basic Tax exemption limit) 2.5 लाख रुपए है. साल 2014 में इसे 2 लाख से बढ़ाकर 2.5 लाख किया गया था. लेकिन, पिछले 8 साल में इसमें कोई बदलाव नहीं आया है. टैक्सपेयर्स को राहत देने के लिए बेसिक लिमिट (Income tax basic limit) को बढ़ाकर 3 लाख रुपए किया जाना चाहिए. सरकार कई पहलुओं से इसको देखेगी. क्योंकि, आगामी महीनों में 5 राज्यों में चुनाव होने हैं. ऐसे में बेसिक लिमिट को बढ़ाकर टैक्सपेयर्स को खुश किया जा सकता है.