बजट में जीडीपी के ग्रोथ के आंकड़े काफी फोकस रहता है. यानि कि देश में आर्थिक विकास कितनी तेजी से हो रहा है, इसका लेखा-जोखा. GDP यानि ग्रोस डोमेस्टिक प्रोडेक्ट, इसे ऐसे समझ सकते हैं कि पूरे साल में देश में कितने सामान का उत्पादन हुआ और कितनी सेवाएं दीं. कुल उत्पादन और कुल सर्विस को जोड़ देते हैं.

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आमतौर पर ग्रोथ कृषि, उद्योग और सर्विस सेक्ट में होती है. इन तीनों सेक्टर की ग्रोथ को जोड़कर एक आंकड़ा लाया जाता है. इस आंकड़े को जीडीपी ग्रोथ यानि आर्थिक विकास दर कहते हैं. GDP ग्रोथ जितनी ज्यादा होगी, देश की तरक्की उतनी ही ज्यादा होगी. बाजार उतना ही खुशहाल होगा. 

भारत दुनिया में सबसे तेजी से ग्रोथ करने वाली अर्थव्यवस्था वाला देश है. आमतौर पर कहा जा रहा है कि आने वाले बजट में सरकार 7 से 7.5 प्रतिशत के बीच जीडीपी ग्रोथ तय करना चाहती है.

डायरेक्‍ट टैक्‍स Vs इनडायरेक्‍ट Tax  

Direct tax वह टैक्स होता है जो सरकार वसूलती है आपसे आपकी कमाई के ऊपर. यानी आपने कमाई की है तो आपको यह टैक्स देना है और अगर कमाई नहीं की है तो टैक्स नहीं देना है. आयकर डायरेक्ट टैक्स में ही आता है. आप कमाई करते हैं तभी तो इनकम टैक्स भरते हैं. लेकिन Indirect tax का कमाई से कोई लेना-देना नहीं है. आप कुछ कमाएं या न कमाएं लेकिन Tax देना ही पड़ेगा.

अगर आपने कोई खरीदारी की तो आपकी जेब से कुछ पैसे निकलकर सरकार के खाते में चले जाते हैं. पहले कई तरह के टैक्‍स थे मसलन VAT, Excise duty और दूसरे तरह के टैक्‍स. लेकिन अब सरकार ने सबको खत्‍म करके कर दिया Indirect Tax को बना दिया है GST.

डायरेक्ट टैक्स में इनकम टैक्स के अलावा गिफ्ट टैक्स, वेल्थ टैक्स, कैपिटल गेन टैक्स आदि टैक्स भी शामिल होते हैं. अगर आप कमाई करते हैं तो इन टैक्सों का भुगतान करना होता है. कंपनियों के लिए कॉरपोरेट टैक्स इस टैक्स के दायरे में आता है. जिस व्यक्ति या कंपनी ने कमाई की है उसे डायरेक्ट टैक्स देना ही होता है.

Direct Tax में ये टैक्स शामिल

- आय कर (Income Tax)

- कैपिटल गेनस टैक्स (Capital Gains Tax)

- सिक्योरिटीज ट्रांसक्शन टैक्स (Securities Transaction Tax)

- कॉर्पोरेट कर (Corporate Tax)

- गिफ्ट टैक्स (Gift Tax)

लगातार बढ़ रही है डायरेक्ट टैक्स देने वालों की संख्या

वर्ष 2018 में प्रत्यक्ष कर देने वालों की संख्या 4 करोड़ से बढ़कर 6.75 करोड़ हुई थी और अप्रत्यक्ष करदाताओं की संख्या जहां पहले 70 लाख थी, जीएसटी लागू होने के 1 साल में ही बढ़कर 1.16 करोड़ पर पहुंच गई. यह आंकड़ा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिया था.

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