बजट 2020 (Budget 2020) पेश होने से पहले #ArthShastri की क्‍लास में शुक्रवार को छात्र अर्थ ने प्रो. शास्‍त्री से कॉरपोरेट टैक्‍स घटाए जाने को लेकर सवाल किया. अर्थ ने पूछा कि सितंबर 2019 में वित्‍त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण ने कॉरपोरेट टैक्‍स घटाने का ऐलान किया था. मंत्री ने साथ ही उन्‍हें एक और ऑप्‍शन दिया था कि वे चाहें तो 22% की दर से इनकम टैक्‍स पे कर सकते हैं लेकिन उन्‍हें कोई इंसेटिव या एक्‍जेमशन नहीं मिलेगा. इससे क्‍या फायदा होगा?

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प्रो. शास्‍त्री ने बताया कि सरकार ने मेक इन इंडिया (Make in India) को बढ़ावा देने के लिए यह प्रावधान किया था. इसका मकसद देश के मैन्‍युफैक्‍चरिंग उद्योग में नया निवेश बढ़ाना भी है. साथ ही वे कंपनियां जो 1 अक्‍टूबर 2019 को या उसके बाद बनी हैं और मैन्‍युफैक्‍चरिंग उद्योग में उतर रही हैं तो उन्‍हें इनकम टैक्‍स 15% की दर से अदा करने का ऑप्‍शन दिया गया था. लेकिन इसमें कुछ शर्त भी है.

अर्थ ने कहा कि इससे कंपनियों को फायदा होगा लेकिन इकोनॉमी को रफ्तार कैसे मिलेगी. इसके बारे में थोड़ा समझाइए. प्रो. शास्‍त्री ने बताया कि इकोनॉमिक ग्रोथ बढ़ाने के लिए कॉरपोरेट टैक्‍स को घटाया गया है. इसके दो फायदे होंगे. इससे बैलेंस शीट सुधरेगी. कॉरपोरेट निवेश को बढ़ाएंगे. इससे इंडस्‍ट्री में प्राइवेट निवेश बढ़ेगा, जो मांग, क्षमता, लेबर प्रोडक्टिविटी, नई तकनीक और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे.

प्रो. शास्‍त्री ने कहा कि जब कंपनियों के पास ज्‍यादा पैसे रहेंगे तो वे ज्‍यादा खर्च करेंगी. इससे प्रोडक्‍ट के दाम घटेंगे. यह ग्राहकों के लिए फायदे की बात होगी. इससे इकोनॉमी को बढ़ावा मिलेगा.