वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण पांच जुलाई को आम बजट पेश करेंगी. माना जा रहा है कि बजट में अन्य मुद्दों के साथ अर्थव्यवस्था को सुस्ती से उबारने, गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों में नगदी के संकट और कृषि क्षेत्र के सामने पेश आ रही चुनौतियों से निपटने के उपाय किए जाएंगे. 

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'जी बिजनेस' ने बजट 2019 की उम्‍मीदों को लेकर तमाम दिग्‍गजों से बात की है. इनमें रेप्‍को होम के MD व CEO यशपाल गुप्‍ता ने कहा कि बजट से NBFC सेक्‍टर को 3 तरह की उम्‍मीदें हैं. पहली समस्‍या यह है कि सेक्‍टर चाहता है कि बैंक हर कंपनी से एक जैसा बर्ताव न करे. इसके लिए RBI को दिशा-निर्देश जारी करने चाहिए. दूसरी समस्‍या NBFC सेक्‍टर के सामने बहुत सारी समस्‍याएं हैं. उनके लिए प्रावधान होना चाहिए. 

गुप्‍ता ने कहा कि जो NBFC अच्‍छा प्रदर्शन कर रही हैं, उनको फंडिंग देते रहना चाहिए. सरकार को NHB की फंडिंग बढ़ानी चाहिए ताकि NBFC को ज्‍यादा लोन मिल सके. इसके साथ ही सरकार को रीयल एस्‍टेट सेक्‍टर की मंदी दूर करने के लिए ग्राहकों को कुछ इंसेटिव देना चाहिए. इसमें सरकार टैक्‍स छूट को बढ़ावा दे सकती है. प्रिंसिपल लोन की डेढ़ लाख की लिमिट बढ़ानी चाहिए. कंस्‍ट्रक्‍शन की गति तेज करने के लिए कुछ उपाय होने चाहिए.

गुप्‍ता ने कहा कि GST काउंसिल ने रीयल एस्‍टेट क्षेत्र के लिए कई रियायतें दी हैं लेकिन उसका असर अभी जमीनी स्‍तर पर नजर नहीं आ रहा है. इसमें समय लगेगा. फिलहाल बाजार में दो तरह के खरीदार हैं. एक निवेशक दूसरा प्रॉपर्टी खरीदकर उसमें रहने वाला. ज्‍यादातर ग्राहक यही सोचकर चलते हैं कि प्रोजेक्‍ट पूरा होने के बाद ही मकान या फ्लैट खरीदे. इससे उसका GST बचेगा. ज्‍यादातर ग्राहकों को लग रहा है कि प्रॉपर्टी टैक्‍स में और कमी आएगी. इसलिए भी खरीदारी नहीं कर रहे हैं.