मोदी सरकार आम बजट 2019-20 में इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट के लिए पूंजी जुटाने के मकसद से टैक्स फ्री बॉन्ड की फिर से पेशकश करने का फैसला कर सकती है. समाचार एजेंसी आईएएनएस ने सूत्रों के हवाले से बताया कि इंफ्रा बॉन्ड की पेशकश से इंफ्रा कंपनियों के साथ ही यूएसयू को फंड जुटाने में मदद मिलेगी. यदि ये बॉन्ड आए तो इसका सबसे पहला और सीधा फायदा नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) को मिलेगा.

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आईएएनएस की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया कि आगामी बजट में सोशल सेक्टर के बाद सबसे अधिक फायदा इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर को ही मिलेगा. इंफ्रा में हाईवे प्रोजेक्ट के लिए सरकार ने 2019-20 के अंतरिम बजट में 6 प्रतिशत बजट बढ़ाया था और इसके लिए कुल 83000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया.

हाईवे क्षेत्र सरकार के बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले क्षेत्रों में शामिल है. इस क्षेत्र के लिए 2014-15 के दौरान 34,345 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था, जबकि ये राशि 2018-19 में बढ़कर 78,625 करोड़ रुपये हो गई. एनएचएआई के चेयरमैन एनएन सिन्हा ने कहा है कि एनएचएआई ने 2019-20 के लिए 37,000 करोड़ रुपये की मांग की है.

सूत्रों के मुताबिक सरकार तेज आर्थिक विकास और अधिक से अधिक रोजगार के मौके तैयार करने के लिए इंफ्रा सेक्टर में ज्यादा निवेश करना चाहती है. कर राजस्व उम्मीद के मुताबिक नहीं रहने पर सरकार को बाजार से पैसे लेने होंगे. ऐसे में टैक्स फ्री बॉन्ड एक बेहतर विकल्प है.