भारत में किसी भी शुभ काम की शुरुआत मीठे से होती है और बजट (Budget) इसका अपवाद नहीं है. देश का बजट तैयार करने की प्रक्रिया हलवा सेरेमनी (Halwa Ceremony) के साथ शुरू होती है. इस दिन वित्त मंत्रालय में पूरे स्टाफ के लिए हलुवा बनाया जाता है. वित्त मंत्री खुद इसे फाइनल टच देते हैं और फिर शुरू होती है बजट के छपाई की प्रक्रिया. आमतौर पर हलुवा सेरेमनी बजट से 10 दिन पहले होती है. ऐसे में आम लोगों के मन में बड़ा सवाल ये है कि बजट की छपाई से पहले वित्त मंत्रालय में तो हलुवा बन जाएगा, लेकिन बजट के दिन क्या उनके घर में हलुवा बनेगा. यानी वे बजट से जिस राहत की उम्मीद लगाए बैठे हैं, क्या वो राहत उन्हें मिलेगी. खैर ये तो बजट के दिन ही पता चलेगा, फिलहाल यहां हम आपको बताने जा रहे हैं हलुवा सेरेमनी और बजट की प्रिंटिंग के बारे में कुछ रोचक बातें-

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1- बजट छपाई की प्रक्रिया हलुवा सेरेमनी के साथ शुरू होती है, जिसमें वित्त मंत्री सहित मंत्रालय के सभी वरिष्ठ अधिकारी शामिल होते हैं. बजट बनाने की जटिल प्रक्रिया के बाद ये हल्की-फुल्की बातों और खुशी मनाने का मौका होता है.

2. बजट छपाई की प्रक्रिया बेहद गोपनीय होती है और इसमें करीब 100 अधिकारी शामिल होते हैं. बजट की कोई भी बात लीक न हो, इसके लिए किसी भी कर्मचारी को घर जाने की इजाजत नहीं होती है. वे करीब 10 दिन के लिए पूरी दुनिया से कट जाते हैं. वित्त मंत्री के बेहद वरिष्ठ अधिकारियों को ही घर जाने की इजाजत होती है.

3. डॉक्टरों की एक स्पेशल टीम वित्त मंत्रालय के अंदर ही रहती है, ताकि किसी कर्मचारी की बीमारी की स्थिति में इलाज किया जा सके, क्योंकि बीमारी की सूरत में भी किसी को बाहर जाने की इजाजत नहीं होती है.

4. साइबर सिक्योरिटी सेल और खूफिया विभाग के लोग ये सुनिश्चित करते हैं कि कोई भी खबर बाहर लीक न होने पाए. वित्त मंत्रालय में पावरफुल जैमर भी लगाए जाते हैं. ताकि कोई फोन या दूसरी डिवाइस काम न कर सकें. 

5. बजट छपाई के दौरान वित्त मंत्रालय में बाहर के लोगों का आना मना होता है. अगर किसी विजिटर का आना बहुत जरूरी है तो उन्हें सुरक्षाकर्मियों की निगरानी में अंदर भेजा जाता है.

6. दूसरे सरकारी दस्तावेज सरकारी प्रेस में छपते हैं. लेकिन बजट डॉक्युमेंट को नार्थ ब्लॉक के बेसमेंट में स्थित प्रिंटिंग प्रेस में छापा जाता है. इस छपाई में इस्तेमाल किए जाने वाले कम्प्यूटरों को इंटरनेट और एनआईसी के सर्वर से डिलिंक कर दिया जाता है, ताकि कोई साइबर-थैप्ट न हो सके.