बजट की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है. 1 फरवरी को वित्त मंत्री संसद में अंतरिम बजट पेश करेंगे. हालांकि इस चुनाव में सरकार बड़ी घोषणाएं नहीं कर सकती, फिर भी हर किसी की नजर बजट पर लगी हुई हैं. क्योंकि, मई में लोकसभा चुनाव होने जा रहे हैं और सरकार वोटरों को लुभाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण घोषणाएं कर सकती है. खासकर किसानों को इस बजट से खासी उम्मीदें हैं और आर्थिक जानकार भी मानकर चल रहे हैं कि सरकार बजट में किसानों को खुश करने का पूरा इंतजाम करेगी. इस कड़ी में सबसे बड़ी चर्चा इस बात को लेकर है कि मोदी सरकार किसानों के दिए जाने वाली कर्ज की राशि में इजाफा कर सकती है. पिछले साल सरकार ने बजट में कृषि कर्ज के लिए 11 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया था.

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वित्त मंत्रालय के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबित, सरकार बजट में कृषि कर्ज की राशि को 10 फीसदी बढ़ाकर 12 लाख करोड़ रुपये कर सकती है. जानकार बताते हैं कि सरकार कृषि कर्ज में हर साल इजाफा करती है, इसलिए मोदी सरकार इस साल भी किसानों को खुश करने के लिए कृषि ऋण की राशि बढ़ाने जा रही है और यह इजाफा 10 फीसदी तक का हो सकता है.

वर्ष 2017-18 में किसानों को 11.68 लाख करोड़ रुपये का कर्ज दिया गया था.

बीते बजट में कृषि ऋण

केंद्र सरकार ने 11 लाख करोड़ रुपये का कृषि ऋण जारी किया गया. जबकि इससे पहले यह राशि 10 लाख करोड़ थी. सरकार का फोकस 2022 तक किसानों की आमदनी बढ़ाकर दोगुनी करने पर है. इसके लिए रबी और खरीफ फसलों के समर्थन मूल्य में इजाफा, कृषि लोन पर ब्याज राशि को कम करना और किसानों को बाजार मुहैया कराने पर जोर दिया जा रहा है.

पिछले बजट में कृषि बाजार को विकसित करने के लिए सरकार ने 2,000 करोड़ का बजट मुहैया कराया था. जबकि, सिंचाई योजना के लिए 2600 करोड़ रुपये जारी किए थे. स्वयं सहायता समूहों के ऋण को 42,500 करोड़ से बढ़ाकर 75,000 करोड़ रुपये किया गया था. देश में दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए ऑप्रेशन ग्रीन्स योजना 500 करोड़ रुपये की राशि आवंटित जारी की गई थी.

पशुपालन और मछली पालन के लिए भी KCC

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पिछले बजट में फसली ऋण की तरह मछली पालन और पशुपालन के लिए किसान क्रेडिट कार्ड मुहैया कराने की घोषणा की थी. वित्त मंत्री ने मछली पालन के लिए 10 हजार करोड़ के 2 फंड बनाने की भी घोषणा की थी. बांस का उत्पादन बढ़ाने पर सरकार ने बजट में फोकस किया था और बांस के ग्रीन गोल्ड का नाम दिया था. बांस उत्पादन बढ़ाने और बांस उद्योग के लिए सरकार ने 1290 करोड़ रुपये का प्रावधान किया था. इसलिए इस बजट में भी किसानों को पिछले बजट की तरह की बड़ी घोषणाएं होने की उम्मीद है.