वित्त मंत्री पीयूष् गोयल ने शुक्रवार को अंतरिम बजट 2019 पेश किया. बजट में मोदी सरकार ने आम आदमी से लेकर किसान, नौकरीपेशा से लेकर उद्योग-धंधों के लिए नई सौगातें दी हैं. किसानों के लिए जहां किसान सम्मान योजना की घोषणा की गई, वहीं टैक्स में छूट की सीमा 2.5 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी गई है. बजट को लेकर हर क्षेत्र से मिलीजुली प्रतिक्रियाएं आ रही हैं.

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यह चुनावी साल है. इसलिए इस बजट में समाज के हर वर्ग को खुश करने की कोशिश की गई है. क्या है इस बजट में आपके लिए, 10 बिंदुओं में समझें बजट-

1- बड़ी राहत, आयकर में छूट 

वित्त मंत्री ने आयकर में छूट की सीमा 2.5 लाख रुपये बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी है. यानी अब 5 लाख रुपये तक की आमदनी पर आपको कोई टैक्स नहीं देना होगा. खासबात ये है कि टैक्स की स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है. वित्त मंत्री ने टैक्स छूट की घोषणा करते हुए कहा कि इससे 6.50 लाख रु तक आय टैक्स फ्री हो सकती है. सरकार के इस कदम से वेतनभोगी और स्वरोजगार करने वाले लोगों को फायदा होगा. आयकर की धारा 194आई के तहत टीडीएस की सीलिंग सीमा 1,80,000 रुपये से बढ़ाकर 2,40,000 रुपये की गई.

2- किराये की आमदनी में टैक्स  से राहत

केंद्र सरकार ने किराए से होने वाली आमदनी पर भी टैक्स छूट की सीमा को बढ़ाया है. अभी तक 1.80 लाख रुपये की सालाना आमदनी टैक्स छूट से बाहर थी. अब इस सीमा को बढ़ाकर 2.40 लाख रुपये कर दिया गया है.

3- महिलाओं को ब्याज में छूट 

बजट में मोदी सरकार ने आयकर की धारा 194ए के तहत टीडीएस की सीलिंग सीमा महिलाओं के लिए 10,000 रुपये से बढ़ाकर 40,000 रुपये कर दी है. इससे अगर किसी महिला को बैंक से 40 हजार तक का ब्याज मिलता है तो उस पर टीडीएस नहीं लगेगा. इसके अलावा गरीब महिलाओं को उज्ज्वला योजना के तहत 2 करोड़ गैस कनेक्शन और देने की बात कही है. अभी तक इस योजना के तहत 6 करोड़ रसोई गैस कनेक्शन दिए जा चुके हैं. कामकाजी महिलाओं के लिए 26 हफ्तों का मातृत्व अवकाश की घोषणा की गई है. 

4- किसान सम्मान योजना

मोदी सरकार ने बजट में किसानों को बड़ी राहत दी है. जैसा कि काफी पहले से ही माना जा रहा था कि सरकार किसानों को आर्थिक मदद का ऐलान कर सकती है. वित्त मंत्री ने किसान सम्मान योजना के तहत छोटे किसानों को 6,000 रुपये वार्षिक की आर्थिक मदद का ऐलान किया है. इस योजना के लिए 75,000 करोड़ का बजट बनाया गया है. इस योजना से देश के 12 करोड़ किसानों को फायदा होगा. प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित किसानों के लिए दो फीसदी ब्याज सब्सिडी और समय पर भुगतान करने पर अतिरिक्त तीन फीसदी सब्सिडी दी जाएगी.

5- पशुपालकों के लिए

मोदी सरकार ने किसान के साथ-साथ मछलीपालक तथा पशुपालकों के लिए बड़ी राहत का ऐलान अपने बजट में किया है. केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय कामधेनु आयोग का गठन करने की घोषणा की है. इससे गौधन के विकास को मदद मिलेगी. राष्ट्रीय गोकुल मिशन के लिए 750 करोड़ रुपये दिए. इसके अलावा पशुपालन के लिए किसानों को ब्याज पर 2 फीसदी छूट मिलेगी. किसान क्रेडिट कार्ड से 2 फीसदी ब्याज छूट मिलेगी. मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए अलग विभाग का गठन करने का ऐलान किया गया है. 

6- डिजिटल गांव

वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने डिजिटल इंडिया प्रोग्राम पर जोर देते हुए अगले 5 वर्षों में एक लाख गांवों को डिजिटल गांव बनाने का ऐलान किया है. वित्त मंत्री ने कहा कि इंटरनेट डाटा खर्च में 50 गुना बढ़ोतरी हुई है.

7- नई पेंशन योजना

पीयूष गोयल ने असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले श्रमिकों के लिए प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन स्कीम लॉन्च करने का ऐलान किया है. इस का फायदा 60 साल से ज्यादा उम्र के असंगठित क्षेत्र के कामगारों को मिलेगा. इस के तहत 100 रुपए प्रति महीने के अंशदान पर 3000 रुपए प्रति महीने की पेंशन दी जाएगी. 21,000 रुपये मासिक कमाने वाले कामगारों को बोनस देने का भी ऐलान मोदी सरकार ने किया है.

8- बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं

हर आदमी को बेहतर इलाज मुहैया हो, इसके लिए सरकार अतिआधुनिक अस्पातल खोलने की योजना पर काम कर रही है. देश में इस समय 21 एम्स काम कर रहे हैं. अब 22वां एम्स हरियाणा में खोलने की तैयारी है.

9- आधारभूत सुविधाएं

सरकार ने आधारभूत ढांचे को मजबूत करने पर जोर दिया है. इसके तहत प्रधानमंत्री सड़क योजना के लिए 90 हजार करोड़ रुपए का ऐलान किया गया. वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि रेलवे के लिए वित्त वर्ष 2019-20 में 64587 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है और आपरेटिंग रेश्यो 96.2 फीसदी हुआ है.

 

10- फिल्म इंडस्ट्री के लिए सिंगल विंडो सिस्टम

पीयूष गोयल ने कहा कि भारतीय फिल्मकार आसानी से फिल्मों की शूटिंग कर सके, इसके लिए एकल खिड़की मंजूरी व्यवस्था शुरू की जाएगी. मनोरंजन जगत एक बड़ा रोजगार सृजन क्षेत्र है. इसे प्रमोट करने के लिए, फिल्मों की शूटिंग की प्रक्रिया को आसान करने के उद्देश्य से एकल खिड़की मंजूरी की व्यवस्था की जाएगी.

यह पहले केवल विदेशी नागरिकों के लिए उपलब्ध थी और अब यह प्रणाली भारतीय फिल्मकारों के लिए भी उपलब्ध होने जा रही है. पाइरेसी को रोकने के लिए सरकार सिनेमेटोग्राफी अधिनियम में कैमकोर्डिग-रोधी प्रावधानों को जोड़ेगी.