Sugar Production: उद्योग संगठन इस्मा (ISMA) ने कहा कि चालू मार्केटिंग ईयर 2023-24 में अब तक देश का चीनी उत्पादन (Sugar Production) 1.19% घटकर 2 करोड़ 55.3 लाख टन रहा. एक साल पहले की समान अवधि में फरवरी तक चीनी का उत्पादन 2 करोड़ 58.4 लाख टन हुआ था. शुगर मार्केटिंग ईयर अक्टूबर से सितम्बर तक चलता है. भारतीय चीनी मिल संघ (ISMA) ने अपने दूसरे अग्रिम अनुमान में चालू 2023-24 मार्केटिंग ईयर में चीनी उत्पादन (Sugar Production) 10% घटकर तीन करोड़ 30.5 लाख टन होने का अनुमान लगाया है, जो पिछले वर्ष में 3 करोड़ 66.2 लाख टन था.

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

इस्मा (ISMA) के अनुसार, करंट मार्केटिंग ईयर के फरवरी तक महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात और तमिलनाडु में चीनी उत्पादन कम रहा. हालांकि, देश में चीनी का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक राज्य - उत्तर प्रदेश में चीनी का उत्पादन - समीक्षाधीन अवधि में पहले के 70 लाख टन के मुकाबले अधिक यानी 78.1 लाख टन था. देश में चीनी के सबसे बड़े उत्पादक महाराष्ट्र में उत्पादन इस मार्केटिंग ईयर के फरवरी तक घटकर 90.9 लाख टन रह गया, जो एक साल पहले की समान अवधि में 95.1 लाख टन था.

ये भी पढ़ें- RBI का IIFL Finance पर बड़ा एक्शन, नए Gold Loan देने पर लगाई रोक, स्टॉक पर होगा असर

इसी तरह, देश के तीसरे सबसे बड़े उत्पादक राज्य, कर्नाटक में उत्पादन इस अवधि में 51.2 लाख टन से घटकर 47 लाख टन रह गया. इस विपणन वर्ष में अब तक गुजरात में चीनी का उत्पादन 7,70,000 टन और तमिलनाडु में 5,80,000 टन तक पहुंच गया है.

फरवरी तक लगभग 466 कारखाने चालू

करंट मार्केटिंग ईयर के फरवरी तक लगभग 466 कारखाने चल रहे थे, जबकि एक साल पहले की अवधि में यह संख्या 447 थी. इस्मा (ISMA) ने कहा, मौजूदा सत्र में, महाराष्ट्र और कर्नाटक में मिलों के बंद होने की दर पिछले साल की तुलना में धीमी है, जिससे संकेत मिलता है कि इस साल इन राज्यों में सत्र की समाप्ति लंबी हो सकती है. 

ये भी पढ़ें- Tata Motors पर बड़ा अपडेट, बिजनेस करेगी डीमर्ज, दो अलग-अलग कंपनियां होगी लिस्ट

इसमें कहा गया है कि इस साल अब तक इन दोनों राज्यों में कुल 49 चीनी मिलें बंद हो चुकी हैं, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में 74 फैक्ट्रियां बंद हुई थीं. कुल मिलाकर, देश भर में 65 कारखानों ने अपना पेराई कार्य बंद कर दिया है, जबकि एक साल पहले की अवधि में यह आंकड़ा 86 था.