मौसम की मार से परेशान किसानों को मोदी सरकार ने दी ये बड़ी सुविधा, अब फटाफट मिलेगा क्लेम का पैसा
PMFBY: प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के तहत राष्ट्रीय फसल बीमा पोर्टल (NCIP) के डिजिटाइज्ड क्लेम सेटलमेंट मॉड्यूल डिजीक्लेम (DigiClaim) की शुरुआत की गई है. डिजीक्लेम की सुविधा फिलहाल देश के 6 राज्यों- राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड और हरियाणा में शुरू की गई है.
Updated on: March 24, 2023, 03.30 PM IST
DigiClaim के साथ फसल बीमा दावा भुगतान प्रक्रिया को फटाफट बनाने की पहल है. NCIP और PFMS का एकीकरण, जिससे राज्यों द्वारा फसल नुकसान के आंकड़े पोर्टल में अपडेट करते ही बीमा दावा राशि की गणना स्वतः हो जाएगी और किसानों को दावा भुगतान सीधे उनके बैंक खातों में किया जा सकेगा.
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किसानों को मिला ₹1.32 लाख करोड़ का क्लेम
कृषि मंत्री ने बटन दबाकर इन 6 राज्यों के बीमित किसानों को 1260.35 करोड़ रुपये के बीमा दावों का भुगतान किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पीएमएफबीवाई की शुरुआत 6 साल पहले किया गया था और उनकी मंशा है कि अधिकाधिक किसानों को इसका लाभ मिले. आयुष्मान भारत योजना के बाद प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना भारत की बहुत बड़ी योजना है जो प्राकृतिक परिस्थितियों पर आधारित है. पिछले 6 वर्षों में इस योजना के तहत बीमित किसानों को उनकी उपज के नुकसान की भरपाई के रूप में अभी तक 1.32 लाख करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है.
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ये किसान भी उठा रहे हैं फसल बीमा का फायदा
अभी तक सामान्य तौर पर यह माना जाता था कि जो किसान कर्जदार है, वहीं बीमित होता है, लेकिन इस संबंध में जागरूकता तेजी से बढ़ रही है और गैर-ऋणी किसान भी फसल बीमा कराने की ओर अग्रसर हो रहे हैं. इस दिशा में ‘मेरी पालिसी-मेरे हाथ’अभियान का भी बड़ा योगदान है. तोमर ने कहा कि हम सबका लक्ष्य यहीं होना चाहिए कि किसान स्वयं जागरूक हो जाएं व हर किसान बीमित हो ताकि प्राकृतिक प्रकोप की स्थिति में उसके नुकसान की भरपाई हो सकें.
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टेक्नोलॉजी से आम किसानों तक पहुंचेगी मौसम की सटीक जानकारी
तोमर ने कहा कि कृषि क्षेत्र के समक्ष चुनौतियां तो रहती ही है, लेकिन इनका समाधान बहुत ही शिद्दत के साथ सरकारें कर सकें, इसमें टेक्नालाजी विशेष सहायक है. आम किसानों तक मौसम की सटीक जानकारी भी पहुंच सकें, इसके लिए टेक्नालाजी की मदद से कृषि मंत्रालय (Agriculture Ministry) द्वारा प्रयास किया गया है. उन्होंने कहा कि बीमा कंपनियों, राज्य सरकारों एवं किसानों सबका समन्वय बढ़ रहा है, जिसके परिणामस्वरूप अब अनेक राज्य प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से जुड़ने के लिए निरंतर अग्रसर हो रहे हैं. उन्होंने उम्मीद जताई कि सबके संयुक्त प्रयत्नों के कारण इस बीमा योजना की लोकप्रियता और बढ़ेगी.