MP assembly elections: फरवरी-मार्च की बारिश ने कई राज्यों के किसानों को अपनी फसलों को नुकसान होते हुए देखना पड़ा है. बेमौसमी बारिश और ओले गिरने से कई फसलों पर किसानों को नुकसान झेलना पड़ रहा है, जिसे लेकर सरकार ने भी चिंता जताई है. केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकारें भी राहत के कदम उठाने की बात कर रही हैं. ऐसे में मध्य प्रदेश के किसानों को सरकार की ओर से बड़ी राहत मिल सकती है. शिवराज सरकार ने किसानों को राहत देते हुए बड़ी घोषणा की है.

चुनावों के चलते मिल सकती है बड़ी खुशखबरी

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मध्यप्रदेश में इसी साल होने वाले विधानसभा के चुनाव में किसानों की अहम भूमिका रहने वाली है. यही कारण है कि सत्ताधारी दल भाजपा और विपक्षी दल कांग्रेस इस वर्ग का दिल जीतना चाहते हैं. भाजपा सत्ता में है और वह फैसलों के जरिए इस वर्ग को खुश करने में लगी है तो वहीं कांग्रेस सत्ता में आने पर सौगात देने का वादा कर रही है. राज्य में वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस की ओर से किए गए दो लाख तक के कर्ज माफी के वादे ने नतीजों पर बड़ा असर डाला था. कांग्रेस ने बढ़त हासिल की थी और सत्ता भी. अब फिर चुनाव आए हैं और सियासी दाव चले जा रहे हैं.

कांग्रेस भी लगातार उठा रही है किसानों का मुद्दा

कांग्रेस लगातार किसानों की समस्याओं से जुड़े मुद्दे उठा रही है और पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने तो गेहूं का समर्थन मूल्य तीन हजार रुपये करने की मांग की है. साथ ही कांग्रेस की सरकार बनने पर किसानों के हित में फैसले दिए जाने का वादा भी किया है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ भी किसानों के हित में कदम उठाने का वादा कर रहे हैं.

किसानों को बड़ी राहत देगी एमपी सरकार

कांग्रेस जहां वादे कर रही है तो वहीं दूसरी ओर राज्य सरकार लगातार किसानों को रियायत और राहत दोनों देने में लगी हुई है. पिछले दिनों की बारिश और ओलावृष्टि ने बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाया है. राज्य सरकार ने बेमौसम बारिश और ओलों से बर्बाद हुए चमक विहीन गेहूं को किसानों से खरीदने के निर्णय लिया गया है, इसके अलावा प्रदेश सरकार किसानों को 32 हजार रूपए प्रति हेक्टेयर की दर से राहत राशि प्रदान करेगी. किसानों को 25 से 35 प्रतिशत की स्थिति में भी राहत राशि उपलब्ध कराई जाएगी और 50 प्रतिशत से अधिक नुकसान को 100 प्रतिशत मानते हुए राहत दी जाएगी. इसके लिए सरकार ने 64 करोड़ के लगभग राशि रखी है. राज्य के आगामी चुनाव में किसानों का साथ मिल जाए यह कोशिश दोनों दलों की है, लिहाजा सियासी दांव खूब चले जा रहे हैं. अब देखना है कि कौन किसानों को लुभाने में सफल होता है.

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