Daincha Seeds: खरीफ सीजन से पहले जमीन की उर्वर शक्ति बढ़ाने और किसानों को फर्टिलाइजर के इस्तेमाल पर होने वाले खर्च को कम करने के लिए बिहार सरकार ने बड़ा कदम उठाया. बिहार सरकार कृषि विभाग हरी चादर योजना (Hari Chadar Yojana) के तहत किसानों को फ्री में ढैंचा बीज की होम डिलीवरी कर रही है. ढैंचा बीज (Daincha Seeds) किसानों के दरवाजे पर होम डिलीवरी के माध्यम से बांटा जा रहा है. वहीं सरकार ढैंचा बीज के लिए किसानों (Farmers) को सब्सिडी भी दे रही है.

क्या है ढैंचा?

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ढैंचा एक हरी खाद वाली फसल (Dhaincha Green Manure) है, जिसका इस्तेमाल खेतों के लिये हरी खाद बनाने में किया जाता है. ढैंचा के पौधे बढ़ने पर इसकी कटाई करके हरी खाद बना सकते हैं, जिसके बाद ये दोबारा बढ़ती. इसके इस्तेमाल के बाद खेत में अलग से यूरिया की जरूरत नहीं पड़ती है. ढैंचा फसल को हरी खाद के रूप में लेने से मिट्टी के स्वास्थ्य में जैविक, रासायनिक और भौतिक सुधार होते हैं और जलधारण क्षमता बढ़ती है. ढैंचा की पलटाई कर खेत में सड़ाने से नाइट्रोजन, पोटाश, गंधक, कैल्शियम, मैग्नीशियम, जस्ता, तांबा, लोहा जैसे तमाम प्रकार के पोषक तत्व मिलते हैं.

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राज्य सरकार 20 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर बीज का वितरण कर रही है.वहीं करीब चार साल के बाद इस योजना के तहत बिहार राज्य बीज निगम द्वारा किसानों को ढैंचा की खेती पर सब्सिडी दी जा रही है. इसकी बुवाई सभी सॉयल कंडीशन में की जा सकती है. बुवाई के 45 से 60 दिन में पत्ते आने लगते हैं और 100 दिनों में बीच इकट्ठे किए जा सकते हैं.  

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