Chana Procurement: केंद्र ने प्राइस सपोर्ट सिस्टम (PSS) के तहत रबी सीजन 2023-24 में कर्नाटक से 1.39 लाख टन चने की खरीद (Chana Procurement) को मंजूरी दे दी है. केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री शोभा करंदलाजे ने कहा कि केंद्र ने चालू वित्त वर्ष के लिए कर्नाटक सरकार को राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (RKVY) के तहत 235.14 करोड़ रुपये की तीसरी किस्त जारी कर दी है.

 5,440 रुपये प्रति क्विंटल भाव पर चने की खरीद

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आधिकारिक बयान के मुताबिक, करंदलाजे ने कहा कि कृषि मंत्रालय (Agriculture Ministry) ने मौजूदा रबी सीजन (Rabi Season) के लिए कर्नाटक में 1,39,740 टन चने की 5,440 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर पीएसएस के तहत खरीद की मंजूरी दे दी. राज्य को आरकेवीवाई योजना (RKVY scheme) के तहत धनराशि जारी करने के संबंध में मंत्री ने कहा कि 235.14 करोड़ रुपये की तीसरी किस्त का उपयोग कर्नाटक सरकार इस योजना के तहत 8 घटकों के कार्यान्वयन के लिए करेगी.

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केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री ने कहा, यह भी कहा कि कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, भारत सरकार ने किसानों के कल्याण के लिए कर्नाटक में उपरोक्त सभी घटकों को लागू करने के लिए राज्य को आरकेवीवाई (RKVY) के तहत वर्ष 2023-24 के लिए 761.89 करोड़ रुपये की कुल राशि आवंटित की है. हाल ही में, 25 जनवरी 2024 को, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, भारत सरकार ने आरकेवीवाई योजना के तहत कर्नाटक सरकार को 178.65 करोड़ रुपये का अतिरिक्त आवंटन प्रदान किया है. वर्तमान समय में, केन्द्र सरकार ने 761.89 करोड़ रुपये के कुल आवंटन में से 526.75 करोड़ रुपये की राशि जारी कर दी है और बाकी राशि राज्य को पहले से प्रदान की गई राशि का उपयोग करने के बाद जारी की जाएग.

RKVY Scheme के तहत राज्य सरकार द्वारा अलग-अलग घटकों के कार्यान्वयन के लिए इन राशि का उपयोग किया जाएगा.

  1. राष्ट्रीय कृषि विकास योजना - RKVY (DPR)
  2. मृदा स्वास्थ्य एवं उर्वरता (SH&F) 
  3. वर्षा आधारित क्षेत्र विकास (RAD)
  4. परंपरागत कृषि विकास योजना (PKVY)
  5. कृषि मशीनीकरण पर उप मिशन (SMAM)
  6. पर ड्रॉप मोर क्रॉप (PDMC)
  7. कृषि वानिकी (Agro Forestry)
  8. फसल विविधीकरण कार्यक्रम (CDP) शामिल हैं.

अनुमोदित राशि का उपयोग उपरोक्त घटकों के तहत गोदाम, जल संचयन संरचनाओं का निर्माण, प्राथमिक प्रदर्शन इकाइयों की स्थापना, ट्रैक्टरों, पावर टिलरों, ड्रोन की खरीद, एकीकृत खेती को बढ़ावा देना, मृदा स्वास्थ्य उर्वरता और कस्टम हायरिंग केंद्रों की स्थापना सहित कृषि क्षेत्र की अवसंरचना में सुधार के लिए किया जाएगा.