Fisheries: सरकार ने असंगठित मत्स्य पालन क्षेत्र (Fish Farming) को औपचारिक रूप देने, सूक्ष्म और लघु उद्यमों (MSMEs) को इंस्टीट्यूशनल फंडिंग की सुविधा देने और जलकृषि बीमा (Aquaculture Insurance) को बढ़ावा देने के लिए 6,000 करोड़ रुपये की योजना की घोषणा की. इसके साथ ही सरकार ने 7,522.48 करोड़ रुपये के पहले से अप्रूव्ड फंड और 939.48 करोड़ रुपये के बजटीय समर्थन से ‘फिशरीज इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड’ (FIDF) को अगले तीन वर्षों के लिए वित्त वर्ष 2025-26 तक बढ़ाने का भी निर्णय लिया.

मछुआरों, मछली किसानों को फायदा

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में यूनियन कैबिनेट ने ‘प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि सह-योजना’ (PM-MKSSY) को मंजूरी दी, जो प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (PMMSY) के तहत केंद्रीय उप-योजना है. नई सब-स्कीम मछुआरों, मछली किसानों, मछली श्रमिकों, सूक्ष्म और लघु उद्यमों और मछली किसान उत्पादक संगठनों सहित अन्य के लिए होगी. 

इस योजना का लक्ष्य सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में वित्त वर्ष 2023-24 से वित्त वर्ष 2026-27 तक 4 वर्षों की अवधि में 6,000 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश के साथ सूक्ष्म और लघु उद्यमों पर ध्यान केंद्रित करते हुए मत्स्य पालन क्षेत्र को संगठित रूप देना है.

1.7 लाख नए रोजगार पैदा होने का अनुमान

एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, इसमें से लगभग 50% यानी 3,000 करोड़ रुपये विश्व बैंक (World Bank) और एएफडी बाहरी फंडिंग से आएंगे जबकि शेष 50% राशि लाभार्थियों और निजी क्षेत्र से अपेक्षित है. इस उप-योजना से लगभग 1.7 लाख नए रोजगार पैदा होने का अनुमान है, जिसमें 75,000 महिलाओं को रोजगार देने पर विशेष जोर रहेगा. इसका लक्ष्य सूक्ष्म और लघु उद्यमों (MSMEs) वैल्यू चेन में 5.4 लाख निरंतर रोजगार के अवसर पैदा करना भी है.

यह 40 लाख छोटे और सूक्ष्म उद्यमों को कार्य-आधारित पहचान प्रदान करने के लिए एक ‘नेशनल फिशरीज डिजिटल प्लेटफॉर्म’ (National Fisheries Digital Platform) बनाएगा. यह संस्थागत ऋण तक पहुंच प्रदान करते हुए 6.4 लाख सूक्ष्म उद्यमों और 5,500 मत्स्य पालन सहकारी समितियों का भी समर्थन करेगा.