Flower Cultivation: किसानों को आथिक रूप से मजबूत बनाने के उद्देश्य से फूलों की खेती (Flower Cultivation) को बढ़ावा दिया जा रहा है. इस कड़ी में, बिहार सरकार (Bihar Government) ने बड़ी पहल की है. राष्ट्रीय बागवानी मिशन योजना के तहत बिहार के 23 जिलों में फूलों की खेती को बढ़ावा दिया जाएगा. इसके लिए किसानों को 70% सब्सिडी (Subsidy) राज्य सरकार देगी. ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. 'पहले आओ पहले पाओ' के आधार पर चयन होगा.

कितनी मिलेगी सब्सिडी

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चौथे कृषि रोड मैप में फूलों की खेती का रकबा बढ़ाने पर जोर दिया गया है. कई वर्षों के बाद ग्लेडियोलस (Gladiolus) को भी इसमें शामिल किया गया है. गेंदा (Genda) की प्रति हेक्टेयर खेती पर लगात 40 हजार रुपये तय की गई है. इस पर 28 हजार रुपये अनुदान मिलेगा, जबकि ग्लेडियोलस की एक हेक्टेयर खेती पर करीब 1.07 लाख रुपये पर खर्च होंगे, इसमें 75 हजार रुपये अनुदान मिलेगा.

गेंदा की खेती काफी फायदेमंद

किसान पौधे उद्यान विभाग या लोकल स्तर पर किसी नर्सरी से ले सकते हैं. गेंदा की खेती (Marigold Farming) हर सीजन में होती है, जबकि ग्लेडियोलस के पौधे सिर्फ ठंड के मौसम में तैयार होते हैं. एक किसान कम से कम 8 कट्ठा (0.1 हेक्टेयर) तो अधिकतम 2 हेक्टेयर में पौधे लगा सकते हैं. इच्छुक किसान horticulture.bihar.gov.in पर जरूरी दस्तावेज के साथ आवेदन कर सकते हैं.

कमाई के नजरिए से गेंदा की खेती काफी फायदेमंद है. पौधे 60 से 65 दिन में तैयार हो जाते हैं. 3 से 4 माह तक उपज मिलती है. एक हेक्टेय में 20 से 25 टन तक फूलों का उत्पादन होता है. 2 से 3 लाख का मुनाफा मिलता है. दशहरा, दीपावली, छठ आदि सीजन में तो कीमत आसमान पर रहती है तो मुनाफा 4 से 5 लाख तक पहुंच जाता है.