Papaya Cultivation: पपीते की खेती किसानों की आय बढ़ाने में काफी फायदेमंद साबित हो रही है. खाद्य फसलों की तुलना में पपीते की खेती से किसान आर्थिक समृद्धि की ओर अग्रसर हो रहे हैं. पपीते (Papaya Farming) के प्रत्येक पेड़ से किसानों को साल भर के भीतर करीब 2,000 रुपये से ज्यादा की कमाई होगी. 

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इस खेती में प्रति पौधा 20 रुपये लागत पूंजी की जरूरत पड़ती है. प्रति एकड़ खेत में कुल 1000 पौधे लगाए जा सकते हैं. करीब 9 महीने के भीतर प्रत्येक पेड़ से लगभग 70 किग्रा पपीते मिल जाते हैं. किसानों के खेतों में ही 25 से 30 रुपये प्रति किग्रा की दर से पपीते आसानी से बिक जाते हैं. बाजार को अलग-अलग मंडियों में 40 से 50 रुपये प्रति किग्रा की दर से पपीते बिक रहे हैं. 

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Papaya Cultivation Subsidy

पपीते की खेती पर सरकार की ओर से 75 फीसदी अनुदान दी जा रही है. पपीते की बागवानी के लिए कम से कम 25 डिसमिल व अधिकतम 2 हेक्टेयर तक जमीन की जरूरत पड़ती है. प्रति एकड़ 1 हजार पौधे अनुदानित दर पर लगाने में कुल 6500 रुपये लागत पूंजी की जरूरत पड़ती है. वहीं 2 साल तक प्रत्येक साल इस खेती से किसानों की आमदनी प्रति एकड़ 12 से 15 लाख रुपये तक हो रही है. 

खेतों में एक बार पपीते लगा देने के बाद किसान दो साल तक फसल ले सकते हैं. दूसरे साल विभाग के द्वारा प्रति एकड़ 4,000 रुपये बतौर अनुदान दिए जा रहे हैं. पपीते की खेत में किसानों को फंगस के प्रकोप से बचाव के लिए अलर्ट रहना पड़ता है.

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