प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब से सत्ता की कमान संभाली है, तब से कृषि क्षेत्र का विकास उनके लिए प्राथमिकता की सूची में रहा है. अपने कार्यकाल के दौरान मोदी सरकार ने किसानों के हित में कई ऐसी योजनाएं शुरू की, जो कि मौजूदा वक्त में अन्नदाताओं को व्यापक स्तर पर फायदा पहुंचा रही है. इसी कड़ी में कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण ने एक ऐसा आंकड़ा जारी किया है, जिससे कृषि निर्यात में तेजी देखने को मिल रही है.

कृषि निर्यात में 26.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर का इजाफा, 53.1 बिलियन डॉलर तक पहुंचा एक्सपोर्ट

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कृषि आंकड़े के मुताबिक, वित्तीय वर्ष 2022-23 में कृषि निर्यात में 26.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर की वृद्धि दर्ज की गई है. निर्यात के इस आंकड़े को बढ़ाने में 200 से अधिक देशों ने हिस्सा लिया. यह 12 फीसद की सराहनीय चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CGAR) को दर्शाता है. बता दें कि 1987-88 में कृषि निर्यात 0.6 अमेरिकी डॉलर था. वहीं, वर्ष 2022-23 की अवधि में भारत का कृषि निर्यात 53.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया। भारत के इस कृषि निर्यात में एपीईडीए का महत्वपूर्ण योगदान 51 प्रतिशत रहा. 

ताजा फलों के निर्यात में हुई उल्लेखनीय वृद्धि, 111 देशों को सुविधाएं दे रहा है भारत 

अप्रैल-दिसंबर, 2023 की अवधि में एपीईडीए के निर्यात समूह में 23 प्रमुख वस्तुओं में से 18 ने सकारात्मक वृद्धि का प्रदर्शन किया. विशेष रूप से 15 बड़े प्रमुख वस्तुओं में से 13, जिनका निर्यात पिछले वर्ष 100 मिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक था. इसके अलावा इस अवधि में प्रसंस्कृत सब्जियों के निर्यात में 24 प्रतिशत की वृद्धि हुई. इसके बाद विविध प्रसंस्कृत वस्तुओं, बासमती चावल और ताजी सब्जियों के निर्यात में भी पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में पर्याप्त वृद्धि हुई. मुख्यत: ताजे फलों के निर्यात में भारत ने उल्लेखनीय रूप से वृद्धि की है. यह पिछले वर्ष के 102 देशों की तुलना में आज 111 देशों को अपनी सेवाएं दे रहा है.

19 फीसदी तक बढ़ा बासमती चावल का निर्यात, 3.97 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचा 

अप्रैल से दिसंबर 2023 की अवधि के दौरान, बासमती चावल के निर्यात मूल्य में 19 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई जो पिछले वर्ष के 3.33 बिलियन अमेरिकी डॉलर की तुलना में 3.97 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया. इसके साथ ही, निर्यात की मात्रा में 11 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई, जो समान समय सीमा में 31.98 लाख मीट्रिक टन से बढ़कर 35.43 लाख मीट्रिक टन हो गई.