Yahoo Layoffs.अमेरिका में टेक कंपनियों में काम करने वाले कर्मियों की मुश्किलें रोजाना बढ़ रही है. गूगल, मेटा, अमेजन के बाद अब याहू आईएनसी अपने कर्मचारियों की बड़े पैमाने पर छंटनी करने जा रही है. रिपोर्ट्स के मुताबिक कंपनी अपने कुल कर्मचारियों में से 20 फीसदी से अधिक कर्मियों को नौकरी से निकाल सकती है. कंपनी का ये फैसला एड टेक डिविजन के पुनर्गठन की योजना का एक हिस्सा है. कंपनी के इस फैसले का असर लगभग 1600 कर्मचारियों पर पड़ने वाला है.  

इस कारण लिया कंपनी ने फैसला

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याहू ने अपने वहां काम करने वाले कर्मचारियों को बताया कि कंपनी 12 फीसदी यानी एक हजार कर्मचारियों को निकालेगी. इसके अगले छह महीने में 600 लोगों की छंटनी कर दी जाएगी, जो बाकी वर्कफोर्स का आठ फीसदी है. याहू की पैरेंट प्राइवेट इक्विटी कंपनी अपोलो ग्लोबल मैनेजमेंट ने कहा कि इस कदम के बाद कंपनी का फोकस अपने फ्लैगशिप एड बिजनेस डीएसपी (डिमांड साइड प्लेटफॉर्म) पर रहेगा. गौरतलब है कि कंपनी ने ये कदम उस वक्त उठाया है, जब कई एडवर्टाइजर्स ने रिकॉर्ड महंगाई और मंदी के आशंका के बाद अपने मार्केटिंग बजट में कटौती की है.     

इन कंपनियों ने लिया है छंटनी का फैसला

याहू से पहले हाल ही में डिज्नी ने सात हजार कर्मचारियों को निकालने का फैसला किया है. डिज्नी कंपनी के सीईओ बॉब इगर ने कहा, 'हम जिन चुनौतियों का सामाना आज कर रहे हैं उसका समाधान निकालना बेहद जरूरी है.मैंने हल्के में ये निर्णय नहीं लिया है. मैं दुनियाभर में काम कर रहे अपने कर्मचारियों की मेहनत और टैलेंट की कद्र करता हूं और मैं जानता हूं कि इस निर्णय से उन्हें व्यक्तिगत तौर पर कितना असर पड़ेगा.' एक अक्टूबर 2022 तक डिज्नी के कुल दो लाख 20 हजार वर्कर्स हैं. डिज्नी से पहले सॉफ्टवेयर कंपनी सेल्सफोर्स ने भी कर्मचारियों की छंटनी का निर्णय लिया है. 

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गूगल ने की थी छंटनी

गूगल की पैरेंट कंपनी एल्फाबेट ने 12 हजार कर्मचारियों की छंटनी का फैसला किया था. इस फैसले का असर कंपनी के ग्लोबल वर्कफोर्स का छह फीसदी पर पड़ेगा. वहीं, ई कॉमर्स कंपनी अमेजन और सोशल मीडिया नेटवर्क ट्विटर और मेटा ने भी हजारों कर्मियों को नौकरी से निकाला था.