Vodafone Idea Fund Raising: टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर वोडाफोन आइडिया (Vodafone Idea) के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने इक्विटी और इक्विटी से जुड़े साधनों के जरिये 20,000 करोड़ रुपये तक का फंड जुटाने की मंजूरी दे दी जिसमें कंपनी के प्रोमोटर्स भी शामिल होंगे. इसके साथ ही Vodafone Idea ने कहा कि इक्विटी और डेट के मिश्रण के जरिये लगभग 45,000 करोड़ रुपये का फंड जुटाने की योजना बनाई गई है.

कंपनी पर 2.1 लाख करोड़ रुपये का भारी कर्ज

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गंभीर वित्तीय संकट का सामना कर रही कंपनी इस समय अपना वजूद बचाने के लिए संघर्ष कर रही है. इसपर करीब 2.1 लाख करोड़ रुपये का भारी कर्ज है और ग्राहकों की संख्या में लगातार आ रही गिरावट के बीच इसे तिमाही घाटा भी उठाना पड़ रहा है.

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20,000 करोड़ रुपये तक का फंड जुटाने को मंजूरी

टेलीकॉम कंपनी ने एक बयान में कहा कि उसके बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने इक्विटी और/या इक्विटी से जुड़े माध्यमों के मिश्रण से 20,000 करोड़ रुपये तक का फंड जुटाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. इसके लिए प्रबंधन को बैंकरों और सलाहकारों को नियुक्त करने के लिए भी अधिकृत किया गया है. कंपनी इस प्रस्ताव पर 2 अप्रैल को अपने शेयरधारकों की बैठक में मंजूरी लेगी. उसे आने वाली तिमाही में इक्विटी फंड जुटाने की प्रक्रिया पूरी होने की उम्मीद है. इक्विटी बढ़ोतरी की प्रक्रिया में प्रोमोटर्स भी भाग लेंगे.

Vodafone Idea ने कहा कि इक्विटी फंड जुटाने के बाद वह अपने लेंडर्स के साथ मिलकर सक्रिय रूप से डेट फंडिंग के लिए काम करेगी. इक्विटी और डेट के संयोजन से कंपनी लगभग 45,000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बना रही है. वोडाफोन आइडिया ने कहा कि उसका बैंक लोन इस समय 4,500 करोड़ रुपये से कम है.

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5G नेटवर्क शुरुआत और क्षमता विस्तार में मिलेगी मदद

बयान के मुताबिक, इक्विटी और डेट फंड जुटाने के बाद कंपनी 4G कवरेज, 5G नेटवर्क शुरुआत और क्षमता विस्तार के लिए निवेश करने में सक्षम होगी. इससे कंपनी अपनी प्रतिस्पर्द्धी स्थिति सुधारने और बेहतर ग्राहक अनुभव देने में सक्षम हो सकेगी. 

वोडाफोन आइडिया (Vodafone Idea) ने कहा कि सीमित निवेश के साथ भी प्रदर्शन में लगातार सुधार दिखा है. प्रस्तावित फंड जुटाने और सकारात्मक परिचालन विकास के साथ कंपनी बाजार में प्रभावी ढंग से प्रतिस्पर्धा करने के लिए आश्वस्त है. पिछले साल सांविधिक बकाया राजस्व पर देय ब्याज को हिस्सेदारी में बदलने के बाद कंपनी में सरकार की हिस्सेदारी 33.1% हो गई है.

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