प्राकृतिक संसाधन सेक्टर में कारोबार करने वाली कंपनी वेदांता (Vedanta) को बीते वित्त वर्ष 2019-20 की चौथी तिमाही (Q4) में 12,521 करोड़ रुपए का एकीकृत शुद्ध घाटा हुआ है. पीटीआई की खबर के मुताबिक, तेल और गैस, तांबा तथा लौह अयस्क कारोबार की संपत्तियों का मूल्य घटने से कंपनी को तिमाही के दौरान 17,132 करोड़ रुपये का अनुमान से ज्यादा नुकसान हुआ.

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इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में कंपनी ने 2,615 करोड़ रुपए का शुद्ध मुनाफा कमाया था. खबर के मुताबिक, बीएसई को भेजी सूचना में कंपनी ने कहा कि तिमाही के दौरान उसकी इंटीग्रेटेड इनकम (एकीकृत आय) घटकर 20,382 करोड़ रुपए रह गई, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में इनकम 25,096 करोड़ रुपए रही थी.

वेदांता के टीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर (CEO) सुनील दुग्गल ने बयान मे कहा कि कोविड-19 महामारी ने दुनिया और हमें पिछले साल की तीसरी तिमाही में प्रभावित किया है. इस कठिन समय में हमने अपनी संपत्तियों और लोगों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया है.’’

उन्होंने कहा कि चौथी तिमाही में तेल एवं गैस, तांबा तथा लौह अयस्क कारोबार में संपत्तियों का मूल्य घटने से हमें 17,132 करोड़ रुपये का अचानक से नुकसान हुआ है. पूरे वित्त वर्ष 2019-20 में आकस्मिक नुकसान 17,386 करोड़ रुपए रहा है. कंपनी ने कहा कि चौथी तिमाही में उसका राजस्व पिछली तिमाही की तुलना में आठ प्रतिशत घटकर 19,513 करोड़ रुपये पर आ गया. इसकी मुख्य वजह जिंसों के कम दाम और कोविड-19 का प्रभाव है.

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कंपनी ने कहा कि तिमाही के दौरान कंपनी की वित्त लागत 1,064 करोड़ रुपए रही. जो पिछली तिमाही की तुलना में 14 प्रतिशत तथा सालाना आधार पर 24 प्रतिशत कम है. 31 मार्च, 2020 को कंपनी का कुल लोन 59,187 करोड़ रुपए था.