उत्तर प्रदेश बिजली निगम (यूपीपीसी) को प्रयागराज जिले की ‘प्रयागराज पावर जनरेशन कंपनी’ के बारा स्थित संयंत्र से औसत दर के मुकाबले 40 पैसे प्रति यूनिट कम दर पर बिजली प्राप्त होगी. इससे यूपीपीसी को सालाना करीब 500 करोड़ रुपये की बचत होगी. एक सूत्र ने बताया कि टाटा पावर के समर्थन वाली रिसर्जेन्ट पावर वेंचर की इकाई रेनॉसेंट पावर वेंचर्स ने बारा विद्युत संयंत्र में 75.01 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण किया है. कंपनी संशोधित बिजली खरीद समझौते के तहत उत्तर प्रदेश विद्युत निगम लिमिटेड (यूपीपीसीएल) को प्रति यूनिट 40 पैसे सस्ती दर पर बिजली बेचने की पेशकश कर रही है.

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यूपीपीसीएल पूरे उत्तर प्रदेश में बिजली पारेषण और वितरण का कार्य करती है. राज्य के विद्युत नियामक द्वारा बिजली पारेषण कंपनी के साथ संशोधित बिजली खरीद समझौते को मंजूरी देने के साथ ही कंपनी की याचिका का भी निपटारा किया जाना है. ‘प्रयागराज पावर जेनरेशन कंपनी लिमिटेड’ (पीपीजीसीएल) के स्वामित्व में बदलाव के बारे में एक याचिका उत्तर प्रदेश बिजली नियामक आयोग (यूपीईआरसी) के विचाराधीन है. याचिका पर इस माह के अंत तक फैसला आने की उम्मीद है. मामले की अगली सुनवाई बुधवार को होनी है.

सूत्रों ने बताया कि यह अधिग्रहण काफी सस्ते में हो रहा है इसलिए यूपीपीसीएल चाहता है कि इसका लाभ बिजली की ऊंची शुल्क दरों को झेल रहे प्रदेश के उपभोक्ताओं को मिलना चाहिये. यूपीपीसीएल विभिन्न स्रोतों से जो भी बिजली खरीदती है उसकी औसत खरीद लागत 4.40 रुपये प्रति यूनिट के आसपास है. उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने यूपीपीसीएल से रिसर्जेन्ट पावर द्वारा पीपीजीसीएल के अधिग्रहण के बाद उपभोक्ताओं को मिलने वाले लाभ का ब्यौरा मांगा है.

बिजली क्षेत्र के विशेषज्ञों के अनुसार आने वाले महीनों में विभिन्न स्रोतों से जुटाई जाने वाली बिजली खरीद की औसत लागत बढ़ने की उम्मीद है. पिछले तीन माह के दौरान विभिन्न करों और शुल्कों में वृद्धि के कारण यह लागत बढ़ेगी. विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी स्थिति में प्रत्येक बिजली यूनिट पर 40 पैसे की रियायत यूपीपीसीएल के लिए बड़ी राहत लेकर आयेगी क्योंकि कंपनी को इससे सालाना 500 करोड़ रुपये की बचत होगी.

रेनासेन्ट विद्युत उद्यम ने प्रयागराज पावर जेनरेशन कंपनी लिमिटेड (पीपीजीसीएल) में 75.01 प्रतिशत हिस्सेदारी के अधिग्रहण की घोषणा पिछले साल नवंबर में की थी. पीपीजीसीएल की स्थापना 27 फरवरी 2007 को एक विशेष उद्देशीय कंपनी के तौर पर की गई थी. कंपनी को बारा में 1,980 मेगावाट (660 गुणा तीन) की कोयला आधारित ताप विद्युत परियोजना लगाने का काम दिया गया. उत्तर प्रदेश विद्युत निगम ने इस संयंत्र से 25 साल तक 90 प्रतिशत बिजली उत्पादन की खरीद का समझौता किया.

उत्तर प्रदेश सरकार ने दो मार्च 2009 को परियोजना का ठेका जयप्रकाश पावर वेंचर्स लिमिटेड (जेपीवीएल) को दिया था. बिजली संयंत्र को जून 2015 में पूरी तरह काम शुरु करना था. बहरहाल, विभिन्न दिक्कतों के चलते संयंत्र में दो वर्ष से ज्यादा की देरी हुई और इस वजह से उसकी लागत भी बढ़ गई. वर्ष 2017 में स्टेट बैंक की अगुवाई में रिणदाताओं ने पीपीजीसीएल में बहुलांश हिस्सेदारी बेचने की पेशकश करते हुए रुचि पत्र आमंत्रित किये. रिसर्जेन्ट पावर ने नवंबर 2018 में पीपीजीसीएल में 75.01 प्रतिशत हिस्सेदारी अधिग्रहण के लिए शेयर खरीद समझौते पर हस्ताक्षर किये. कंपनी के कुल 11,086 करोड़ रुपये के रिण और 3,229 करोड़ इक्विटी के रहते रिसर्जेंट पावर ने 6,000 करोड़ रुपये में पीपीजीसीएल का अधिग्रहण किया.

रिसर्जेन्ट पावर एक संयुक्त उद्यम कंपनी है. यह टाटा पावर की पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी टाटा पावर इंटरनेशनल प्रा लि (टीपीआईपीएल), आईसीआईसीआई बैंक तथा कुवैत इंवेस्टमेट अथॉरिटी और स्टेट जेनरल रिजर्व फंड, ओमान के बीच बनी एक साझा उपक्रम कंपनी है. रिसर्जेन्ट पावर में टीपीआईपीएल की 26 प्रतिशत हिस्सेदारी है. शेष 74 प्रतिशत हिस्सेदारी आईसीआईसीआई बैंक और अन्य वैश्विक निवेशकों के पास है.