बरसात का मौसम आने के साथ ही सब्जियों की कीमत में आग लग गई है. थोक मंडियों से लेकर खुदरा बाजार में लोग धनिया, आलू, प्याज और हरी सब्जियों की कीमतें आसमान छू रही हैं, लेकिन महंगाई की सबसे अधिक मार टमाटर खरीदने वालों पर पड़ी है. फलों और सब्जियों की थोक कीमतें बताने वाली सरकारी वेबसाइट एगमार्कनेट के मुताबिक दिल्ली-एनसीआर में पिछले महीने के मुकाबले जुलाई में टमाटर की थोक कीमत 69 प्रतिशत बढ़ गई है. अगर पिछले साल जुलाई महीने से तुलना करें तो इस बार टमाटर की कीमत में 21 प्रतिशत का इजाफा हुआ है.

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एगमार्टनेट के मुताबिक पिछले एक महीने के दौरान मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, चंडीगढ़, हिमाचल प्रदेश, पंजाब और राजस्थान में भी टमाटर की कीमतों में भारी उछाल आया है. आलम ये है कि दिल्ली में खुदरा बाजार में टमाटर इस समय 70-80 रुपये प्रति किलो के भाव से बिक रहा है. दिल्ली स्थित आजादपुर मंडी के कारोबारियों का कहना है कि पहाड़ पर बारिश शुरू होने के चलते हालात और बुरे हो गए हैं. इसके अलावा पूर्वी और दक्षिण भारत में बारिश के चलते भी आवाक में कमी आई है. खुदरा बाजार में इस समय धनिया 250 रुपये किग्रा, आलू 30 रुपये किग्रा, प्याज 45 रुपये किग्रा और मिर्च 60 रुपये किग्रा के भाव से बिक रहा है.

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खुदरा कारोबारियों का कहना है कि टमाटर की आवक कम होने की वजह से रेट बढ़ रहे हैं. हालांकि ग्राहकों का कहना है कि सरकार को कीमतों को काबू में रखने के उपाए करने चाहिए. ग्राहकों की शिकायत है भी है कि थोक मंडी और खुदरा मंडी के भाव में बहुत अधिक अंतर रहता है. इसे नियंत्रित करने के लिए सरकार को कदम उठाने चाहिए.

कारोबारियों के मुताबिक पिछले एक महीने के दौरान सब्जियों के भाव में करीब 30 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हुई है. आमतौर पर बरसात के मौसम में सब्जियां महंगी होती हैं, लेकिन इस बार ये बढ़ोतरी थोड़ी अधिक है. इसकी वजह कहीं बहुत अधिक बारिश तो कहीं बहुत कम बारिश को बताया जा रहा है.