कॉल-ड्रॉप और स्‍लो इंटरनेट की समस्‍या से यूजर्स को निजात दिलाने के लिए टेलीकॉम रेगुलेटर ट्राई सख्‍त नियम बनाने की तैयारी में है. ट्राई की टेलीकॉम कंपनियों के साथ बैठक हुई. इसमें क्‍वालिटी ऑफ सर्विस (QoS) नियम और कड़े करने पर जोर दिया गया. वहीं, इस बैठक में 5G सर्विसेज की क्‍वालिटी पर भी चर्चा हुई. एक आंकड़े के मुताबिक, करीब 70 फीसदी कंज्‍यूमर्स को रोजाना कॉल ड्रॉप की समस्‍या झेलनी पड़ती है. बता दें, दूरसंचार विभाग (DoT) भी जल्द मोबाइल फोन मैन्‍युफैक्‍चरर्स के साथ भी बैठक करने वाला है. इसमें 5G से जुड़े सॉफ्टवेयर अपडेट में तेजी लाने के लिए कहा जाएगा. 

बढ़ सकती है जुर्माना की राशि

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सूत्रों के मुताबिक, ट्राई QoS नियम और कड़े करने पर जोर दे रहा है. खराब या क्‍लेम की गई सर्विसेज नहीं देने पर जुर्माने की राशि बढ़ाई जा सकती है. ट्राई सर्विसेज की क्‍वालिटी के नियम कड़े करेगी. आंकड़ों के मुताबिक, लगभग 70 फीसदी कंज्‍यूमर रोजाना कॉल ड्रॉप झेलते हैं. अमूमन 35 फीसदी  कंज्‍यूमर को 4G/5G सर्विसेज बिना रुकावट नहीं मिलती हैं.

बैठक में 5G सवाओं की गुणवत्ता पर भी चर्चा

जानकारी के मुताबिक, अभी 5G के लिए कोई QoS नहीं है, वो भी तय किया जाएगा. कॉल ड्रॉप रोकने, कॉल के दौरान की दिक्कतें दूर करने का रोडमैप तय किया जाएगा. बता दें, दिसंबर में DoT ने भी टेलीकॉम कंपनियों के साथ बैठक बुलाई थी. इस बैठक में कंपनियों को सेवाओं की क्वालटी सुधारने के निर्देश दिए थे. 

बता दें, दूरसंचार विभाग (DoT) ने कस्‍टमर्स की ओर से कॉल ड्रॉप और सर्विसेज को लेकर टेलीकॉम कंपनियों के लिए लगातार आ रही शिकायतों को ध्‍यान में रखते हुए सख्‍त रुख अपनाया है. DoT ने टेलीकॉम रेगुलेटर ट्राई (TRAI) को क्‍वालिटी स्‍टैंडर्ड कड़े करने का निर्देश दिए हैं. इसके बाद ट्राई ने 17 फरवरी को QoS (क्‍वालिटी ऑफ सर्विस) पर टेलीकॉम कंपनियों की बैठक बुलाई थी.  

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