Reliance Infrastructure arbitration award: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर (Reliance Infrastructure) को एक बड़ी राहत दी. सुप्रीम कोर्ट ने 2800 करोड़ रुपये के आर्बिट्रेशन मामले का फैसला रिलायंस इंफ्रा के पक्ष में सुनाते हुए दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (DMRC) को 2800 करोड़ रुपये का ब्याज सहित भुगतान करने को कहा.

8 साल का ब्याज देना होगा

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सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने 2017 में 2800 करोड़ रुपये के आर्बिट्रेशन अवार्ड मामले को रिलायंस के पक्ष में होने के फैसले को सही ठहराया और DMRC को कहा कि उन्हें रिलायंस इंफ्रा को इस राशि पर 8 साल का ब्याज भी देना होगा. 

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5000 करोड़ रुपये का है मामला

जनवरी 2019 तक इस ब्याज की राशि की गणना करने पर यह 4500 करोड़ रुपये के करीब आ रही थी. वर्तमान में इसके 5000 करोड़ रुपये के करीब होने का अनुमान है. 

अनिल अंबानी की कंपनी को बड़ी राहत

बताया जा रहा है कि पहले से ही कर्ज में डूबी अनिल अंबानी ग्रुप (Anil Ambani Group) की कंपनी रिलायंस इंफ्रा (Reliance Infra) के लिए यह एक बड़ी राहत है. इस रकम से उसे अपने कर्ज घटाने में मदद मिलेगी. 

क्या है पूरा मामला

2008 में रिलायंस इंफ्रा ने DMRC के साथ प्राइवेट मेट्रो रेल का समझौता किया था. इसके लिए उनके बीच 2038 तक मेट्रो रेल चलाने का करा हुआ था. हालांकि 2012 में कुछ विवादों के चलते रिलायंस इंफ्रा ने इस समझौते से खुद को अलग कर लिया. रिलायंस इंफ्रा ने कहा था कि DMRC ने क्रैक ठीक नहीं किया.