भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को श्रेई ग्रुप (Srei Group) की दो कंपनियों के खिलाफ इन्‍सॉल्‍वेंसी कार्रवाई शुरू करने के लिए नेशनल कंपनी ला ट्रिब्‍यूशनल (NCLT) में याचिकाएं दायर कीं. रिजर्व बैंक ने दो नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों (NBFC)- श्रेई इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस और श्रेई इक्विपमेंट फाइनेंस के खिलाफ एनसीएलटी की कोलकाता बेंच में दो अलग-अलग याचिकाएं दायर की हैं.

दो सदस्‍यीय बेंच ने की सुनवाई

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याचिकाओं पर शुक्रवार को एनसीएलटी की दो सदस्यीय बेंच ने मामलों की सुनवाई की. बेंच के जल्‍द आदेश जारी करने की उम्मीद है. केंद्रीय बैंक ने अपने वकील संजय गिनोदिया के जरिए याचिकाएं दायर की हैं. संजय गिनोदिया, आर गिनोदिया एंड कंपनी में सीनियर पार्टनर हैं.

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दोनों कंपनियों पर 30 हजार करोड़ से ज्‍यादा बकाया

गिनोदिया ने कहा कि उन्होंने शुक्रवार को एनसीएलटी पीठ के समक्ष रिजर्व बैंक की ओर से दलीलें पेश कीं. उन्होंने कहा कि शाम तक आदेश सुनाए जाने की उम्मीद है. दोनों कंपनियों पर बैंकों और फाइनेंशियल कंपनियों का 30,000 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया है. 

इससे पहले बंबई हाई कोर्ट ने दोनों कंपनियों पर रिजर्व बैंक की कार्रवाई के खिलाफ श्रेई ग्रुप की ओर से दायर याचिका को 7 अक्टूबर को खारिज कर दिया था. श्रेई ग्रुप ने अपनी दोनों कंपनियों के बोर्ड को हटाने और उनके खिलाफ इन्‍सॉल्‍वेंसी प्रॉसेस शुरू करने के केंद्रीय बैंक के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी. 

RBI ने 4 अक्‍टूबर को भंग कर दिया था बोर्ड 

RBI ने बीते 4 अक्‍टूबर को SREI इंफ्रा फाइनेंस और SREI इक्विपमेंट फाइनेंस का बोर्ड भंग कर एडमिनिस्ट्रेटर नियुक्त किया. रिजर्व बैंक ने गवर्नेंस की चिंता और कर्ज देने वाले बैंको के कंपनी को कार्रवाई से एक साल का ठहराव देने के प्रस्ताव को खारिज कर देने के बाद कार्रवाई की. रिजर्व बैंक ने बैंक ऑफ बड़ौदा (BoB) के पूर्व CGM रजनीश शर्मा को एडमिनिस्ट्रेटर नियुक्त किया. कंपनी को कर्ज देने वाली बैंकों ने रिजर्व बैंक से बोर्ड भंग और एडमिनिस्ट्रेटर नियुक्त की गुजारिश की थी.