देश और दुनिया के दिग्गज कारोबारी मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) की कंपनी समूह रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) ने कोविड संकट के बीच अपने पेट्रोलियम यूनिट में लागू वेतन कटौती (salary cuts) खत्म कर दी है. कंपनी ने कर्मचारियों को काम के मुताबिक, बोनस (performance bonus) भी देने का फैसला किया है.

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जानकारी के मुताबिक, कंपनी ने कर्मचा​रियों को कोराना काल में काम करने के प्रति सद्भावना दर्शाते हुए उनको अगले साल के वैरियेबल वेतन में से 30 फीसदी एडवांस देने का भी ऑफर किया है. पेशकश की है. इस पेशकश से कंपनी के एक लाख से ​अधिक कर्म​चारियों को फायदा हो सकता है.

कंपनी ने अप्रैल में अपने हाइड्रोकार्बन (पेट्रोलियम) यूनिट में दस से 50 फीसदी तक वेतन कटौती लागू की थी. उस समय कंपनी के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने अपना पूरा वेतन छोड़ने का ऐलान किया था. कंपनी ने नकद बोनस और काम पर आधारित प्रोत्साहन का भुगतान भी टाल दिया था. वह सामान्य तौर पर वित्त वर्ष की पहली तिमाही में ये भुगतान करती है.

जानकारों ने कहा कि पेट्रोलियम प्रभाग में कटौती समाप्त करने के लिए कंपनी ने किसी और प्रभाग से पैसे का प्रबंध किया होगा. 

बता दें कि कोरोना संकट के चलते बड़ी संख्या में कंपनियों ने अपने यहां वेतन में कटौती की थी. कुछ कंपनियों ने अपने यहां कर्मचारियों की भी छटनी की थी. लेकिन अब जब हालात सामान्य होने लगे हैं और अर्थव्यवस्था का पहिया फिर से पटरी पर लौटने लगा है तो कंपनियां वेतन में कटौती वापस लेने लगी हैं और कर्मचारियों की भर्ती कर रही हैं. 

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फ्यूचर ग्रुप के साथ सौदा अटका

सिंगापुर स्थित एक मध्यस्थता अदालत ने अंतरिम आदेश में फ्यूचर ग्रुप पर रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड को 24,713 करोड़ रुपये में अपना खुदरा कारोबार बेचने से रोक लगा दी है. ऐमजॉन ने किशोर बियानी की अगुवाई वाली कंपनी की तरफ से अपना खुदरा कारोबार रिलायंस इंडस्ट्रीज को बेचने के निर्णय के बाद फ्यूचर को मध्यस्थता अदालत में ले गया है.  रिलायंस ने फ्यूचर ग्रुप के रीटेल और होलसेल बिजनेस को खरीदने के लिए 24,713 करोड़ रुपये में सौदा किया था.