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Pallonji Shapoorji Mistry: 18 की उम्र में फैमिली बिजनेस से जुड़े, मस्‍कट पैलेस बनवाकर दिखाई लीडरशिप क्षमता

Pallonji Shapoorji Mistry: पालोनजी मिस्‍त्री को साल 2016 में पद्म भूषण अवार्ड से सम्‍मानित किया है. आइए जानते हैं पालोनजी शापूरजी मिस्‍त्री से जुडे कुछ रोचक बातें.
Updated on: June 28, 2022, 04.11 PM IST
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18 साल की उम्र में फैमिली बिजनेस से जुड़े 

पालोनजी मिस्‍त्री 1947 में महज 18 साल की उम्र में अपने फैमिली बिजनेस से जुड़ गए थे. अपने पिता शापूरजी पालूनजी मिस्‍त्री की निगरानी में उन्‍होंने बहुत तेजी से बिजनेस की बारीकियां सीख ली. पिता की मृत्‍यु के बाद उन्‍होंने 1975 में पूरी तरह कंपनी की कमान संभाल ली थी. 

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मस्‍कट पैलेस बनवाकर मनवाया लोहा 

पालोनजी के नेतृत्‍व में उनकी कंपनी ने मस्‍कट में सुल्‍तान काबूस बिन सईद अल सैदी का पैलेस बनवाने का कॉन्‍ट्रैक्‍ट हासिल किया. सुल्‍तान ने 1975 में जब यह पैलेस विजिटर्स के खोला, तो शापूरजी पालोनजी न केवल विदेश में कंस्‍ट्रक्‍शन प्रोजेक्‍ट पूरा करने वाली पहली भारतीय कंपनी बनी, बल्कि इस पैलेस ने दुनिया को भारतीय क्षमता से रूबरू कराया. कंस्‍ट्रक्‍शन में यह एक मील का पत्‍थर साबित हुआ. 

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विदेश में कई लैंडमार्क प्रोजेक्‍ट बनवाए  

मस्‍कट पैलेस बनाकर दुनिया के पटल पर उभरे शापूरजी पालोनजी ग्रुप ने मिडिल ईस्‍ट में अपनी मौजूदगी मजबूत की. इसके बाद ग्रुप ने अफ्रीका में कदम रखा. जहां उसने घाना का राष्‍ट्रपति कार्यालय, गाम्बिया में नेशनल एसेम्‍बली जैसे लैंडमार्क प्रोजेक्‍ट्स बनाए. 

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फोर्ब्‍स गोकक समेत कई कंपनियों में खरीदा स्‍टेक 

पालोनजी के नेतृत्‍व में कंपनी ने स्‍टर्लिन एाड विल्‍सन, यूनाइटेड मोटर्स, फोर्ब्‍स गोकक और एफकॉन्‍स इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर जैसी कंपनियों में स्‍ट्रैटजिक हिस्‍सेदारी खरीदकर उन्‍हें शापूरजी पालोनजी ग्रुप के पोर्टफोलियो में शामिल किया. 

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टाटा संस समेत कई कंपनियों को बार्ड में रहे शामिल  

पालोनजी मिस्‍त्री कई सालों तक यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, W H ब्रेडी ग्रुप ऑफ कम्‍पनीज, द एसोसिएटेड सीमेंट कंपनीज और टाटा संस लिमिटेड जैसी कंपनियों के बोर्ड में मेम्‍बर रहे. एसीसी के कई सालों तक चेयरमैन भी रहे. साल 2021 में उन्‍होंने अपने शापूरजी ग्रुप के बिजनेस की कमान अपने बड़े बेटे शापूरजी मिस्‍त्री को सौंप दी. पालोनजी मिस्‍त्री को साल 2016 में पद्म भूषण से सम्‍मानित किया गया.