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GST लागू होने के बाद ज्यादातर प्रोडक्ट हुए सस्ते, टैक्सपेयर्स की संख्या हुई दोगुनी

वित्त मंत्रालय की ओर से सोमवार को ट्वीट करके GST की सफलता के बारे में जानकारी दी गई. मंत्रालय की ओर से कहा गया कि GST लागू होने के बाद से आम इस्तेमाल की वस्तुएं जैसे तेल, टूथपेस्ट और साबुन आदि की टैक्स की दरों में कमी आई है.
Updated on: August 24, 2020, 04.05 PM IST
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जीएसटी आने के बाद टैक्सपेयर्स की संख्या दो गुनी हुई

जीएसटी लागू होने के बाद से करदाताओं का आधार लगभग दोगुना हो गया है पहले जहां 65 लाख टैक्सपेयर थे, वहीं इनकी संख्या अब 1.24 करोड़ पर पहुंच गई है.  

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जीएसटी के पहले एक प्रोडक्ट पर कई तरह के टैक्स लगते थे

पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली की पहली पुण्यतिथि पर वित्त मंत्रालय ने सोमवार को कई ट्वीट किए. मंत्रालय ने कहा कि जीएसटी से पहले वैट, उत्पाद शुल्क और बिक्रीकर देना पड़ता था. सामूहिक रूप से इनकी वजह से कर की दर लगभग 31 फीसदी तक पहुंच जाती थी. जीएसटी आने के बाद से इसमें कमी आई है.  

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पहले की तुलना में लोगों को कम टैक्स देना पड़ रहा है

नरेंद्र मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में अरुण जेटली वित्त मंत्री थे. मंत्रालय ने ट्वीट किया कि आज हम अरुण जेटली को याद कर रहे हैं. जीएसटी को लागू करने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही. इतिहास में इसे भारतीय टैक्सेशन प्रक्रिया के बड़ा सुधार के तौर पर दर्ज किया जाएगा. मंत्रालय ने कहा कि लोग जिस दर पर कर चुकाते थे, जीएसटी व्यवस्था में उसमें कमी आई है.  

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40 लाख से कम टर्नओवर वाले कारोबारी जीएसटी की सीमा से बाहर

वित्त मंत्रालय ने कहा कि जिन कारोबारियों के कारोबार का टर्नओवर 40 लाख रुपये साल से कम है उन्हें GST की सीमा से बाहर रखा गया है. शुरूआत में  ये सीमा 20 लाख रुपये थी. वहीं जिन कारोबारियों का सालाना टर्नओवर 1.5 करोड़ तक है उन्हें कंपोजीशन स्कीम के तहत 1 फीसदी टैक्स चुकाने की सुविधा मिलती है.    

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200 प्रोडक्ट के स्लैब घटाए गए

मंत्रालय ने कहा कि पहले 230 उत्पाद सबसे ऊंचे 28 प्रतिशत के कर स्लैब में आते थे. आज 28 प्रतिशत का स्लैब सिर्फ लग्जरी आइटम पर लगता है. इनमें से 200 उत्पादों को निचले कर स्लैब में स्थानांतरित किया गया है. मंत्रालय ने कहा कि आवास क्षेत्र पांच प्रतिशत के कर स्लैब के तहत आता है. वहीं सस्ते मकानों पर जीएसटी की दर को घटाकर एक प्रतिशत कर दिया गया है.