Petronet Qatar Energy Deal: पेट्रोनेट द्वारा 2029 से 20 साल के लिए कतर से सालाना 75 लाख टन एलएनजी खरीद अनुबंध का रिन्यूअल संभवत: दुनिया में इस ईंधन की खरीद का सबसे बड़ा सौदा है. पेट्रोनेट के शीर्ष अधिकारियों ने कहा कि मूल 25-वर्षीय समझौते पर 1999 में हस्ताक्षर किए गए थे और इसमें आपूर्ति 2004 में शुरू हुई थी. तब से कतर ने कभी एक भी खेप में चूक नहीं की है और न ही उसने दाम काफी ऊंचे होने के दौरान भारतीय कंपनी द्वारा आपूर्ति नहीं लेने की वजह से ‘खरीदों या भुगतान करो’ प्रावधान के तहत कोई जुर्माना लगाया है. गौरतलब है कि पेट्रोनेट का शेयर एक साल में 22.48 फीसदी का रिटर्न दे चुका है.

Petronet Qatar Energy Deal: 52 कार्गो की डिलिवरी के बाद शुरू होगी डील, कीमत में चार बार हुआ बदलाव

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अधिकारियों के मुताबिक विस्तारित अनुबंध के तहत आपूर्ति पेट्रोनेट द्वारा उन 52 खेप (कार्गो) की डिलिवरी लेने के बाद शुरू होगी जो वह 2015-16 में कीमतों में उछाल की वजह से लेने में विफल रही थी. हालांकि, अनुबंध की मात्रा कभी नहीं बदली है, लेकिन कीमत में चार बार बदलाव हुआ है. इसमें ताजा मामला भी शामिल है, जिसमें अनुबंध विस्तार पर नए सिरे से बातचीत हुई है. इसके अलावा जिस गैस की आपूर्ति का वादा किया गया था उसकी संरचना भी बदल गई है. 

Petronet Qatar Energy Deal: 50 लाख टन की एलएनजी आपूर्ति,  संशोधित कॉन्ट्रैक्ट में दाम हैं कम 

रासगैस (अब कतरएनर्जी) ने मूल रूप से ईथेन और प्रोपेन तत्वों वाली ‘रिच’ गैस की आपूर्ति के लिए अनुबंध किया था, जिसका इस्तेमाल पेट्रोकेमिकल कैंपस में किया जाता है. इसने सालाना 50 लाख टन (एमटी) एलएनजी की आपूर्ति की है जिसमें मीथेन (बिजली उत्पादन, उर्वरक बनाने, सीएनजी या खाना पकाने के ईंधन के उत्पादन के लिए इस्तेमाल होता है) के साथ-साथ ईथेन और प्रोपेन युक्त गैस की आपूर्ति शामिल है. पिछले हफ्ते हुए संशोधित अनुबंध के तहत दाम कम है. 

Petronet Qatar Energy Deal: प्रोपेन रहित लीना और गैस की होगी आपूर्ति, रिच गैस की सप्लाई जारी रखेगा कतर  

कतर एनर्जी इथेन और प्रोपेन रहित ‘लीन’ या गैस की आपूर्ति करेगी. हालांकि, पेट्रोनेट के अधिकारियों ने कहा कि कतर तबतक ‘रिच’ गैस की आपूर्ति जारी रखेगा जबतक उनके पास ईथेन और प्रोपेन का उपयोग करने की सुविधा नहीं है. कंपनी के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा, ‘‘हमें ‘रिच’ एलएनजी प्राप्त होती रहेगी.’ ओएनजीसी ने कतर से आने वाली एलएनजी से ईथेन और प्रोपेन का उपयोग करने के लिए गुजरात के दहेज में एक पेट्रोरसायन परिसर के निर्माण पर 30,000 करोड़ रुपये खर्च किए हैं. इससे ऐसे उत्पाद बनाए जा सकेंगे जिनका इस्तेमाल प्लास्टिक और डिटर्जेंट विनिर्माण में होता है.