सस्ते रेट के चक्कर में अगर आप OYO बुक करते हैं तो ये खबर आपके लिए बहुत जरूरी है. दरअसल, होटल मालिकों और होटल एग्रीगेटर ओयो के बीच रेट को लेकर विवाद अब भी नहीं सुलझा है. इसका खामियाजा ग्राहकों को भुगतना पड़ रहा है. अपने सस्ते रेट और ज्यादा शहरों तक पहुंच से ओयो ने खूब नाम कमाया. ओयो के इस बिजनेस मॉडल को देखकर ही दिग्गज प्राइवेट इक्विटी फंड्स पैसे भी लगा रहे हैं, लेकिन ज्यादा होटल जुड़ने से इस कोशिश में दिक्कतें भी आ रही हैं. इसका सामना ग्राहकों को करना पड़ रहा है. क्योंकि ओयो जिसके होटल किराये पर बुक करता है, वह अब ओयो की प्राइसिंग पॉलिसी से नाराज हैं. 

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एफएचआरएआई के प्रेसिडेंट गुरुबख्श सिंह कोहली कहते हैं कि उन्हें किसने हक दिया है कि आपकी चीज को वह आपके पीछे घाटे में बेचें. इससे आपका भी घाटा और उनका भी घाटा. उन्हें तो फंडिंग मिली हुई है. वह तो चाहते हैं कि मार्केट कैप्चर कर लें. कोहली का कहना है कि आप होटल लेकर बैठे हैं, आप यह अफोर्ड नहीं कर सकते जो रूम 4000 रुपये का है, उसे दो या ढाई हजार में बेचें.

ओयो होटल मालिकों के बीच इस विवाद का खामियाजा ग्राहक भुगत रहे हैं, क्योंकि जब वह ओयो से बुकिंग कर होटल में जाते हैं तो ओयो के कम रेट पर बुकिंग का हवाला देकर वह या तो बुकिंग रद्द करने की बात करते हैं या ग्राहकों से अतिरिक्त रकम की मांग करते हैं. वैसे यह समस्या लंबे समय से है. लेकिन हाल में ओयो के मैनेजमेंट का दावा था कि दिक्कतें सुलझ गई हैं.

उधर, ओयो के सीईओ आदित्य घोष का होटल मालिकों के लिए कहना है कि आप कस्टमर के एक्सपीरियंस को बर्बाद नहीं कर सकते. उन्होंने कहा कि इसके लिए हमने 3सी स्कोर पेश किया है. इसमें क्या है कि अगर कस्टमर को कोई तकलीफ हुई तो आपके प्वाइंट्स कट जाएंगे और उस पर आपका एक तरह से पेनाल्टी प्रभावी होगा. ओयो का कहना है कि ग्राहकों की दिक्कतों के जानकारी कंपनी को है, इसलिए उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. यह करार के शर्तों पर राजी होने के बाद अब ग्राहक को परेशान कर रहे हैं.