onion price news: केंद्रीय खाद्य सचिव सुधांशु पांडेय (Union Food Secretary Sudhanshu Pandey) ने शुक्रवार को कहा कि खुदरा प्याज (onion price) की कीमतें ‘असाधारण रूप से ऊंची’ नहीं हैं, जिससे इसके एक्सपोर्ट पर प्रतिबंध लगाने की जरुरत हो. उन्होंने कहा कि कीमतों को कम करने के लिए बफर स्टॉक जारी किए जा रहे हैं. पीटीआई की खबर के मुताबिक, राज्य सरकारों की राय है कि आने वाले दिनों में प्याज की कीमतों में तेज बढ़ोतरी की कोई संभावना नहीं है. क्योंकि घरेलू खरीफ प्याज का उत्पादन 2021-22 फसल वर्ष (जुलाई-जून) में कहीं ज्याद यानी 43.88 लाख टन होने का अनुमान है जो एक साल पहले की समान अवधि में 37.38 लाख टन था.

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21 अक्टूबर को प्याज की औसत कीमत 41.5 रुपये प्रति किलो थी

खबर के मुताबिक, पांडेय (Union Food Secretary Sudhanshu Pandey) ने कहा कि 21 अक्टूबर को प्याज की औसत कीमत 41.5 रुपये प्रति किलो थी, जो एक साल पहले की समान अवधि के 55.6 रुपये प्रति किलो से काफी कम है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, शुक्रवार को दिल्ली में प्याज की खुदरा कीमतें 48 रुपये किलो, मुंबई में 43 रुपये किलो, चेन्नई में 37 रुपये किलो और कोलकाता में 57 रुपये किलो थी.

कीमतें असाधारण रूप से ज्यादा नहीं हैं

खाद्य सचिव ने संवाददाताओं से कहा कि प्याज की कीमतें असाधारण रूप से ज्यादा नहीं हैं. औसत कीमतें पिछले साल की तुलना में कम हैं. उन्होंने कहा कि प्याज की कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए बाजार में हस्तक्षेप पहले ही शुरू कर दिया गया है, लेकिन कीमतें उस स्तर के करीब कहीं भी नहीं पहुंची हैं, जिसके लिए आवश्यक वस्तु अधिनियम के मुताबिक तत्काल कार्रवाई की जरूरत हो.

एक्सपोर्ट पर प्रतिबंध पर क्या कहा

प्याज के एक्सपोर्ट पर प्रतिबंध लगाने की योजना के बारे में पूछे जाने पर सचिव ने कहा कि ऐसा कोई परिस्थिति नहीं है. एक्सपोर्ट पिछले साल की तुलना में कम है. अटकल लगाने के बजाय निगरानी करना बेहतर है. उन्होंने कहा कि पहले ही बफर स्टॉक से 81,000 टन से ज्यादा प्याज उन बाजार में जारी किया जा चुका है, जहां कीमतें तेजी से बढ़ रही हैं. इस पहल का मकसद प्याज की उपलब्धता में सुधार लाना और कीमतों को नियंत्रित करना है.

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रियायती दरों पर राज्यों को प्याज की सप्लाई

खाद्य सचिव ने कहा कि सरकार द्वारा बनाए गए रिकॉर्ड दो लाख टन प्याज के बफर स्टॉक में से लगभग एक लाख टन अभी भी बाजार में हस्तक्षेप के लिए उपलब्ध है. उन्होंने कहा कि केंद्र आपूर्ति को बढ़ावा देने के लिए रियायती दरों पर राज्यों को प्याज की आपूर्ति भी कर रहा है. इसके अलावा, खरीफ प्याज का उत्पादन इस साल 7-8 लाख टन ज्यादा होने की उम्मीद है और इससे आने वाले दिनों में प्याज की कीमतों को और कम करने में मदद मिलेगी. खुदरा कीमतों में बढ़ोतरी के चलते हाल ही में हुई बेमौसम बारिश है. इसके चलते, महाराष्ट्र, कर्नाटक, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश और आंध्र प्रदेश में लगभग 0.59 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में प्याज की फसल को मामूली नुकसान हुआ है.