सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी ओएनजीसी हाल में अधिग्रहीत एचपीसीएल और पेट्रोरसायन इकाई को अपने मुख्य कारोबार पेट्रोलियम एवं गैस अन्वेषण परिचालन के साथ जोड़ने के लिये योजना बनाएगी. कंपनी के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक शशि शंकर ने यह बात कही. ओएनजीसी की रिफाइनिंग कारोबार और पेट्रोरसायन कारोबार को अपने मुख्य कारोबार के साथ एकीकृत करने की इच्छुक है ताकि इनका पूरा लाभ उठाया जा सके. 

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शंकर ने कहा, "हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) के अधिग्रहण और गुजरात के दाहेज में ओपीएएल पेट्रोरसायन संयंत्र शुरू होने के बाद कंपनी इनके एकीकरण से उचित सहयोग हासिल करने के लिए योजना तैयार कर रही है ताकि दक्षता को बढ़ाया और लागत को अनुकूल बनाया जा सके." 

51.11 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी

ओएनजीसी ने इस वर्ष वर्ष की शुरुआत में एचपीसीएल में सरकार की पूरी 51.11 प्रतिशत हिस्सेदारी 36,915 करोड़ रुपये में खरीदी है. इससे उसके पोर्टफोलियो में तेल परिशोधन क्षमता 2.38 करोड़ टन सालाना बढ़ गई. रिलायंस इंडस्ट्रीज और इंडियन ऑयल के बाद ओएनजीसी देश की तीसरी सबसे बड़ी रिफाइनरी कंपनी बन गया है. ओएनजीसी पहले ही मंगलूर रिफाइनरी एण्ड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड में बहुलांश हिस्सेदारी रखती है. इसकी रिफाइनिंग क्षमता डेढ करोड टन है.

तेल रिफाइनरी कंपनी हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि. (एचपीसीएल) ने अपनी बहुलांश शेयरधारक तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) को एक बार फिर प्रवर्तक कंपनी के रूप में मान्यता नहीं दी है. हालांकि, पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान लगातार इस बात पर जोर दे रहे हैं कि एचपीसीएल को ओएनजीसी को अपनी प्रवर्तक के रूप में मान्यता देनी चाहिए.

(इनपुट एजेंसी से)