New Wage Code: भारतीय उद्योग जगत 50% अलाउंसेस के साथ वेज कोड लागू करने पर सहमत हो गया है. सोमवार को श्रम मंत्रालय और इंडस्‍ट्री के साथ हुई अहम चर्चा में नए श्रम कानूनों पर बड़े पैमाने पर चर्चा हुई. इंडस्‍ट्री ने कई मुद्दों पर सहमति जताई है. साथ ही नोटिफिकेशन जारी होने के बाद नए कानूनों को लागू करने के लिए 2 महीने का समय भी मांगा है. पूरे देश में नए श्रम कानूनों पर सहमति बनाने की कवायद के अंतर्गत 23 और 24 अगस्‍त को श्रम मंत्रालय राज्‍यों के साथ नए कानूनों पर चर्चा करेगा. सरकार की कोशिश है कि राज्यों के साथ सामंजस्य बना पूरे देश में नए वेज कोड को एक साथ लागू किया जाए.

22 अगस्‍त की बैठक में क्या हुआ? 

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श्रम मंत्रालय की सोमवार को इंडस्‍ट्री के साथ नए वेज कोड के कई मसलों पर चर्चा हुई है. इसमें Women WorkForce की भागीदारी से संबंधित मुद्दों पर भी चर्चा हुई. सरकार चाहती है कि 2047 तक यानी अगले 25 साल में महिलाओं की भागीदारी कुल कार्यबल (वर्कफोर्स) के 50 फीसदी तक पहुंच जाए. श्रम मंत्रालय ने इंडस्‍ट्री से नए रोजगार सृजित करने के लिए ई-श्रम पोर्टल डेटा का इस्‍तेमाल करने के लिए कहा है. वहीं, इंडस्‍ट्री ने EPFO ​​और ESIC से जुड़ी कुछ सिफारिशें भी दी हैं. इंडस्ट्री ने श्रम मंत्रालय की बैठक में 4 श्रम कानूनों के कार्यान्वयन के लिए अपनी तैयारी पर प्रजेंटेशन दिया.

50% अलाउंसेस के साथ वेज कोड लागू करने पर सहमति

एक अहम फैसले के अंतर्गत सोमवार की बैठक में इंडस्‍ट्री 50 फीसदी अलाउंसेस के साथ वेज कोड लागू करने पर सहमत है. हालांकि, उसका कहना है कि कोड मैंडेट अलाउंस को कुल वेतन के 50 फीसदी पर सीमित किया जाना चाहिए. इंडस्ट्री ने सरकार से छूट के संबंध में स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी करने को कहा है. साथ ही उनका कहना है कि छूट की सूची ओपन एंडेड नहीं होनी चाहिए. इसके अलावा, इंडस्‍ट्री ने सरकार से ग्रेच्युटी प्रावधानों को बढ़ाने का भी गुजारिश की है. वहीं, नए नोटिफिकेशन जारी होने के बाद नए कानूनों को लागू करने के लिए 2 महीने का समय मांगा है.