सरकारी स्वामित्व वाले भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) की बाजार हिस्सेदारी मार्च 2018 में समाप्त तिमाही में 70 प्रतिशत से नीचे आ गई. प्राइवेट लाइफ इंश्‍योरेंस कंपनियों द्वारा ज्‍यादा एग्रेसिव रणनीति अख्तियार करने से कंपनी की हिस्सेदारी में यह कमी देखी गई है. पिछले वित्त वर्ष में निजी बीमा कंपनियों की बाजार हिस्सेदारी 2016-17 की 28.19 प्रतिशत से बढ़कर 30.64 प्रतिशत हो गई.

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IRDAI की वार्षिक रिपोर्ट में हुआ खुलासा

भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (IRDAI) की वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2017-18 में प्रीमियम से कुल आय के आधार पर LIC की बाजार हिस्सेदारी 71.81 से घटकर 69.36 प्रतिशत पर आ गई है. समीक्षाधीन वित्त वर्ष में नई बीमा पॉलिसी से आय के मामले में भी निजी बीमा कंपनियों की बाजार हिस्सेदारी बढ़ी है.

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रिन्‍यूअल प्रीमियम में भी LIC की हिस्‍सेदारी घटी

पॉलिसी के रिन्‍यूअल से प्राप्त होने वाले प्रीमियम के मामले में LIC की हिस्सेदारी पिछले साल के 72.31 प्रतिशत से घटकर 69.35 प्रतिशत पर आ गई. वहीं निजी बीमा कंपनियों की हिस्सेदारी 27.69 प्रतिशत से बढ़कर 30.65 प्रतिशत हो गई. समीक्षाधीन अवधि में जीवन बीमा कंपनियों ने 281.97 लाख नई बीमा पॉलिसी जारी की. इनमें से LIC ने 213.38 लाख नई पॉलिसी (75.7 प्रतिशत) जारी किया और निजी बीमा कंपनियों ने 68.59 लाख पॉलिसी जारी किए.