Life Insurance News: एचडीएफसी लाइफ के चेयरमैन दीपक पारेख (HDFC Life Insurance Chairman Deepak Parekh) ने कहा कि देश में नियामकों को जीवन बीमा कंपनियों को पेंशन (Pension) और स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी (Health Insurance Policies) बेचने की परमिशन देनी चहिए. पीटीआई की खबर के मुताबिक, उन्होंने कहा कि इससे देश में बीमा की पहुंच बढ़ेगी.

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लाइफ इंश्योरेंस कंपनियां एनपीएस या स्वास्थ्य बीमा नहीं बेच सकतीं

खबर के मुताबिक, पारेख ने कंपनी की सालाना आम बैठक में शेयरहोल्डर्स को संबोधित करते हुए कहा कि आज बीमा कंपनियां अपनी शाखाओं और कर्मचारियों के जरिये सिर्फ जीवन बीमा पॉलिसी बेच सकती हैं. वे उदाहरण के लिए राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के तहत एनपीएस (NPS) या स्वास्थ्य बीमा नहीं बेच सकती हैं.

दुनियाभर में पेंशन और हेल्थ कवर दोनों ही जीवन बीमा का हिस्सा

पारेख ने कहा, दुनियाभर में, पेंशन और हेल्थ कवर दोनों ही जीवन बीमा का हिस्सा हैं. क्योंकि पेंशन जहां लोगों को रिटायरमेंट के बाद मजबूत सहारा प्रदान करती है, वहीं स्वास्थ्य बीमा (Health Insurance) बीमारी पर खर्च के जोखिम से बचाते हैं. जीवन बीमाकर्ताओं को स्वास्थ्य बीमा, एनपीएस जैसे प्रोडक्ट्स को डिस्ट्रीब्यूट करने की परमिशन देने से देशभर में बीमा की पहुंच में बढ़ाने में मदद मिलेगी.

3,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का पेमेंट किया 

वित्त वर्ष 20220-21 में कंपनी के प्रदर्शन के बारे में उन्होंने कहा कि महामारी प्रभावित साल में एचडीएफसी लाइफ (HDFC Life Insurance) ने करीब 4 करोड़ जीवन बीमा किए और 2.9 से ज्यादा डेथ क्लेम का निपटान किया. उन्होंने कहा कि इसके चलते लाभार्थियों को कुल (वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान) 3,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का पेमेंट किया गया. 

आर्थिक वृद्धि दर 8-10 प्रतिशत रहेगी

पारेख ने यह भी कहा कि कंपनी ने पिछले 15 महीनों में 17 कर्मचारियों और 38 वित्तीय सलाहकारों को खो दिया है. उन्होंने कहा, लेकिन भारत कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के बाद अब तेजी से रिवाइवल की ओर बढ़ने को तैयार है. पारेख ने कहा कि निम्न तुलनात्मक आधार से वित्त वर्ष 2021-22 में आर्थिक वृद्धि दर 8-10 प्रतिशत रहेगी.

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