Johnson & Johnson talcum powder: जॉनसन एंड जॉनसन के बेबी टैल्कम पाउडर को लेकर बड़ी खबर सामने आई है. कंपनी 2023 तक पूरी दुनिया में बेबी टैल्कम पाउडर को बेचना बंद कर देगी. J&J टैल्कम ​​​​​​पाउडर की अमेरिका और कनाडा में बिक्री 2020 में ही बंद हो चुकी है. कंपनी अब टैल्क बेस्ड पाउडर की जगह कॉर्न स्टार्च बेस्ड पाउडर बेचेगी. दरअसल, दुनियाभर में कई जगह दावे किए गए कि जॉनसन एंड जॉनसन के इस बेबी पाउडर से कैंसर होने का खतरा है. हालांकि, अलग-अलग मेडिकल एक्सपर्ट्स ने अपनी साइंटिफिक स्टडीज में यह दावा किया है कि पाउडर बिल्कुल सुरक्षित है. कैंसर की आशंका वाली रिपोर्ट सामने आने के बाद प्रोडक्ट की बिक्री में भारी गिरावट आई.

पोर्टफोलियो असेसमेंट के बाद लिया फैसला

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जॉनसन एंड जॉनसन 60 से ज्यादा देशों में अपने प्रोडक्ट तैयार करती है. दुनियाभर में करीब 250 सब्सिडियरी हैं. इसके प्रोडक्ट 175 से ज्यादा देशों में बेचे जाते हैं. भारत में इसका कॉम्पिटिशन डाबर, हिन्दुस्तान यूनिलीवर और हिमालय जैसे ब्रांड से है. Johnson & Johnson ने एक बयान जारी कर कहा- 'पोर्टफोलियो असेसमेंट के बाद अब बेबी पाउडर प्रोडक्ट में टैल्कम पाउडर के बजाय कॉर्नस्टार्च का इस्तेमाल किया जाएगा. इसके लिए बोर्ड ने कमर्शियल डिसीजन लिया है.' बता दें, कॉर्नस्टार्च बेबी पाउडर पहले ही दुनिया के कई देशों में उपलब्ध है. 

टैल्क माइनिंग से कैंसर का खतरा?

जॉनसन एंड जॉनसन जैसी कंपनियों के बेबी टैल्क से कैंसर होने का खतरा की कई रिपोर्ट सामने आई हैं. ऐसे आरोप लगने से कंपनी की बिक्री पर काफी असर पड़ा है. दरअसल, जहां से टैल्क को माइन करके निकाला जाता है, वहीं से एस्बेस्टस भी निकलता है. एस्बेस्टस (अभ्रक) भी एक प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला सिलिकेट मिनरल है. ये शरीर को नुकसान पहुंचाता है. जब टैल्क की माइनिंग की जाती है तो उसमें एस्बेस्टस के भी मिलने का खतरा रहता है.

जॉनसन एंड जॉनसन पर 38,000 से ज्यादा केस

जॉनसन एंड जॉनसन के खिलाफ 38,000 से ज्यादा केस दर्ज हैं. इसमें महिलाओं के दावे भी शामिल हैं. दावा किया गया है कि बेबी पाउडर इस्तेमाल से उन्हें ओवेरियन कैंसर हो गया. अमेरिकन रेग्युलेटर्स ने भी दावा किया था कि उन्हें कंपनी के बेबी पाउडर में कैंसर पैदा करने वाले तत्व मिले हैं. 2018 में रॉयटर्स की एक रिसर्च में इसका दावा किया गया था कि J&J खुद जानता था कि एस्बेस्टस उसके टैल्क में मौजूद है. ट्रायल टेस्टिमोनी से पता चला था कि 1971 से 2000 के दशक की शुरुआत में J&J के रॉ टैल्क और तैयार पाउडर में कभी-कभी एस्बेस्टस की थोड़ी मात्रा का पॉजिटिव टेस्ट आया था.