देश की सबसे बड़ी पेट्रोलियम कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOC) ईंधन कारोबार में उतार-चढ़ाव से बचाव (Hedging) के लिए अपने कारोबारी मॉडल में बदलाव कर रही है. इसके तहत कंपनी पेट्रो-रसायन कारोबार पर अब ज्यादा फोकस करेगी. IOC अपने पेट्रोल पंपों पर पेट्रोल और डीजल की बिक्री के अलावा इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग और बैटरी की अदला-बदली का विकल्प भी देगी.

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IOC के चेयरमैन श्रीकांत माधव वैद्य के मुताबिक, हमारा मकसद देश की ऊर्जा कंपनी बनने का है. हम खुद को सिर्फ पेट्रोलियम उत्पादों की बिक्री तक सीमित नहीं करना चाहते. देश के डीजल प्रभुत्व वाले पेट्रोलियम उत्पाद बाजार में IOC की हिस्सेदारी 40 प्रतिशत है. कंपनी ने हाल में इंडस्ट्रियल यूजर्स के लिए कई तरह की LPG पेश की है. इसमें आंच का तापमान रसोई गैस से 80 प्रतिशत ज्यादा रहता है. इससे समय की बचत तो होती ही है, साथ ही ईंधन में भी 5 से 8 प्रतिशत की बचत होती है. 

IOC ने 'हाइड्रोजन मिश्रण वाली (Spiked) CNG' भी पेश की है. इससे भारत चरण चार (BS-4) वाहनों से BS-6 उत्सर्जन होता है. वैद्य के मुताबिक, दुनिया बदल रही है. हम अपने पेट्रोल पंपों पर वाहन LPG और ईंधन की बिक्री के अलावा EV चार्जिंग पॉइंट और बैटरी अदला-बदली स्टेशन लगाना चाहते हैं. IOC अपने 76 पेट्रोल पंपों पर पहले ही EV चार्जिंग पॉइंट लगा चुकी है. 11 पेट्रोल पंपों पर उसने बैटरी अदला-बदली सुविधाएं लगाई हैं. इसके साथ ही कंपनी अलग-अलग कटिंग ऐज टेक्नोलॉजी का आकलन कर रही है. 

कंपनी की मंशा EV के लिए मेटल-एयर बैटरी विनिर्माण सुविधा लगाने की है. वैद्य ने कहा कि सबसे बड़ी खुदरा कंपनी होने की वजह से IOC के सामने किसी नए खिलाड़ी से बाजार हिस्सेदारी गंवाने का खतरा रहता है. हम इस बात को समझते हैं इसलिए हम अपने खुदरा कारोबार के तरीके पर विचार कर रहे हैं. कंपनी के सभी 29,800 पेट्रोल पंप पूर्ण 'ऑटोमेटेड' किए जा चुके हैं. दिखने में भी अब ये पेट्रोल पंप निजी क्षेत्र के साथ प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं. 

भारत के ईंधन बाजार पर सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों का दबदबा है. लेकिन अब नायरा एनर्जी जैसी नई कंपनियां उनकी बाजार हिस्सेदारी में हिस्सा हासिल कर रही हैं. इसके अलावा रिलायंस इंडस्ट्रीज भी ब्रिटेन की BP PLC के साथ संयुक्त उद्यम में ईंधन के खुदरा कारोबार में रुचि दिखा रही हैं. अडाणी समूह की भी फ्रांस की टोटल के साथ कारोबार पर निगाह है. 

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वैद्य ने कहा कि कंपनी का शोध एवं विकास (R&D) काफी मजबूत है. इसके चलते वह बाजार में अलग-अलग तरह के ईंधन ला रही है. कंपनी ने हाल में अलग तरह की LPG पेश की है. कंपनी अब इसके विस्तार पर ध्यान दे रही है. वैद्य ने कहा, पिछले महीने हमने गैर-घरेलू उपभोक्ताओं के लिए भिन्न प्रकार की LPG को 'एक्सट्रा तेज' ब्रांड नाम से पेश किया है. इसमें सामान्य LPG की तुलना में ईंधन की 5 से 8 प्रतिशत की बचत होती है.

इसके अलावा हमने 18 प्रतिशत हाइड्रोजन मिश्रण वाली CNG पेश की है. इससे पुराने BS-4 वाहन को बदलने की जरूरत नहीं है. यह CNG BS-6 वाहन के अनुकूल उत्सर्जन देती है. IOC प्राकृतिक गैस क्षेत्र में भी देश की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी बन गई है. कंपनी को 40 क्षेत्रों में CNG और पाइप वाली रसोई गैस (PNG) की खुदरा बिक्री का लाइसेंस मिला है. कंपनी आक्रामक तरीके से कंप्रेस्ड बायोगैस, 2-जी एथेनॉल तथा जैव डीजल के इस्तेमाल को भी प्रोत्साहन दे रही है. ईंधन कारोबार में काफी उतार-चढ़ाव आता है, जिससे मार्जिन प्रभावित होता है. कारोबार में जोखिम को कम करने के लिए आईओसी की योजना अपनी सभी नौ तेल रिफाइनरियों में पेट्रोरसायन संयंत्र लगाने की है.