Group Health Insurance: अगर एम्‍प्‍लायर के जरिए आपने हेल्थ इंश्योरेंस कवरेज लिया हुआ है, तो आपको अब ज्‍यादा प्रीमियम चुकाना पड़ेगा. ऐसा इसलिए क्‍योंकि ज्‍यादातर कंपनियों ने ग्रुप हेल्थ इंश्‍योरेंस पॉलिसी के प्रीमियम (Group Health Insurance Premium) में 25-30 फीसदी तक बढ़ोतरी कर दी है. कंपनियों का कहना है कि कोविड में बढ़ते क्लेम और ग्रुप हेल्थ कारोबार में लगातार बढ़ रहे लॉस रेश्यो के चलते हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम में इजाफा किया गया है. इसका मतलब साफ है कि आपको अपने एंप्लायर के जरिए जारी की कई हेल्थ पॉलिसी के लिए ज्यादा प्रीमियम चुकाना पड़ेगा. 

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

सूत्रों के मुताबिक, ज्‍यादातर इंश्‍योरेंस कंपनियों ने ग्रुप हेल्‍थ कवर पॉलिसी का प्रीमियम 30 फीसदी तक बढ़ाया है. इंश्‍योरेंस कंपनियों का कहना है कि कोविड क्‍लेम में इजाफा हो रहा है और लॉस रेश्‍यो भी बढ़ा है. यही वजह है कि प्रीमियम बढ़ाना पड़ रहा है. दरअसल,  ग्रुप इंश्योरेंस कारोबार में प्रीमियम बढ़ाने के लिए कंपनियों को इंश्योरेंस रेगुलेटर IRDAI की मंजूरी की जरूरत नहीं पड़ती है. जबकि, इंडिविजुअल हेल्‍थ इंश्‍योरेंस का प्रीमियम बिना इरडा की मंजूरी के नहीं बढ़ाया जा सकता है.  

छोटी कंपनियां भी बढ़ा रही हैं ग्रुप कवरेज

कोरोना महामारी के बाद हेल्‍थ इंश्‍योरेंस को लेकर कंपनियां ज्‍यादा एक्टिव हुई हैं. अक्‍सर बड़ी कंपनियां अपने इम्‍प्‍लॉइज को ग्रुप हेल्‍थ इंश्‍योरेंस मुहैया कराती हैं. लेकिन, कोविड के बाद यह देखा गया है कि बड़ी कंपनियां अपने कर्मचारियों का कवरेज बढ़ा रही हैं. वहीं,    छोटी-छोटी कंपनियां भी अपने कर्मचारियों को सुरक्षित रखने के लिए ग्रुप हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी ले रही हैं. 

टर्म इंश्‍योरेंस भी हुआ है महंगा

हाल ही में आई इंश्योरेंस एग्रीगेटर कंपनी पॉलिसी एक्स (policy x) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना की दूसरी लहर के बीच यानी अप्रैल से जून के महीने में टर्म इंश्योरेंस और हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम में बढ़ोतरी हुई है. रिपोर्ट के मुताबिक, हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम में औसतन 5 फीसदी का इजाफा हुआ है. वहीं, टर्म इंश्‍योरेंस के प्रीमियम में 8 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. पिछले कुछ सालों से इंश्‍योरेंस कंपनियों ने प्रीमियम में इजाफा नहीं किया था. कोविड-19 के बढ़ते क्लेम की वजह से कंपनियों के लिए प्रीमियम बढ़ाना मजबूरी हो गया था. इसके अलावा, जेनेटिक डिजीज मेंटल डिसऑर्डर जैसी कई सारी बीमारियों के हेल्थ इंश्योरेंस में शामिल करने की वजह से भी कंपनियों को प्रीमियम बढ़ाना पड़ा है. 

कंपनियां सख्‍त कर रही हैं नियम 

कोरोना की दूसरी लहर में कंपनियों के क्‍लेम में जोरदार बढ़ोतरी हुई है. ऐसे में कंपनियां रिस्‍क मैनेजमेंट के मानकों को सख्‍त बना रही हैं. सभी लाइफ इंश्‍योरेंस कंपनियों ने अंडराइटिंग के नियम काफी सख्‍त कर दिए हैं. लाइफ इंश्‍योरेंस कंपनियों के नए नियमों के मुताबिक, होम आइसोलेशन के जरिए भी आप कोविड-19 नेगेटिव  होते हैं, तो 3 महीने तक किसी भी इंश्योरेंस कंपनी से टर्म इंश्योरेंस प्लान नहीं खरीद सकते हैं. इसके अलावा, टेलीमेडिकल की जगह अब टर्म इंश्योरेंस के लिए कंपनियां डिटेल मेडिकल टेस्ट पर ही जोर दे रही हैं.